यूपी : आप-भाजपा गठजोड़ से निपटना होगा कांग्रेस को
भाजपा उत्तर प्रदेश में भी गुजरात मॉडल अपना रही है. भाजपा जाति आधारित राजनीति को तोड़ रही है, जो आप के लिए रास्ता बना रही है. आखिर कांग्रेस करे क्या?

गुजरात विधानसभा चुनाव-2022 में आम आदमी पार्टी के प्रवेश ने कांग्रेस को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया. एक तरफ कांग्रेस का वोट प्रतिशत खिसक गया और दूसरी तरफ उसे विधानसभा में सीटों का बहुत ज्यादा नुकसान हुआ.
आप ने कांग्रेस को गुजरात में मुद्दा विहीन राजनीति करने के लिए मजबूर कर दिया
सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह रही कि राज्य की भाजपा सरकार को घेरने और नरेंद्र मोदी सरकार की नाकामियों पर वार करने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा जो तैयारी की गई थी, उन सब तैयारियों को आम आदमी पार्टी ने अपनी लोकलुभावन घोषणाओं से न केवल ध्वस्त कर दिया, बल्कि कांग्रेस को राज्य में मुद्दा विहीन राजनीति करने के लिए मजबूर कर दिया.
इसका नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस पार्टी गुजरात में चुनाव के अंतिम दौर तक बेहद हताशा में घिर गई थी.
लेकिन, इधर उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस के लिए हालात बहुत बेहतर नहीं है. आम आदमी पार्टी जिस तरह से उत्तर प्रदेश में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है, संगठन पर काम कर रही है- उसे लेकर कांग्रेस को चौकन्ना हो जाना चाहिए.
इस समय आप उत्तर प्रदेश में बहुत मजबूती से संगठन विस्तार के लिए काम कर रही है. वह निकाय चुनाव भी गंभीरता से लड़ सकती है.
भाजपा जाति आधारित राजनीति को तोड़ रही है, जो आप के लिए रास्ता बना रही
उत्तर प्रदेश में जातियों के राजनीतिक ध्रुवीकरण, और अस्मितावादी राजनीति को जिस तरह से भाजपा अप्रासंगिक बनाने पर काम कर रही है उससे आम आदमी पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में जगह पाने की संभावना बढ़ रही है.
भाजपा उत्तर प्रदेश में भी गुजरात मॉडल अपना रही है
उत्तर प्रदेश में भी भाजपा गुजरात मॉडल पर जातियों को हिंदुत्व की पहचान दे रही है या उसे आगे बढ़ा रही है- यह कदम यहां पर जातिगत अस्मिता की राजनीति को बहुत शांत तरीके से खत्म कर देगा.
यूपी में कांग्रेस के लिए कितने खतरे ?
अगर कांग्रेस पार्टी ने बहुत गंभीरता से इस स्थिति का आकलन और सामना करने की कोशिश नहीं की तो उसके सामने दो संभावित खतरे उत्पन्न हो गए हैं.
पहला खतरा उसके लिए उत्तर प्रदेश में भाजपा है और दूसरा खतरा आम आदमी पार्टी है.
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आम आदमी पार्टी जिस तरह की मास बेस पॉलिटिक्स कर रही है और पॉपुलर सुविधाओं के नाम पर लोगों को अपनी तरफ खींच रही है इससे एक बात साफ हो गई है कि वह कांग्रेस का स्थान लेने के लिए तैयार खड़ी है. आम जनता के बीच पॉपुलर घोषणाओं के नाम पर आप भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के किसी अभियान को फुस्स कर दे रही है. इस स्थिति को हैंडल करना होगा.
आखिर कांग्रेस करे क्या?
मेरी राय में इसके लिए सिर्फ दो काम किया जाना चाहिए. सबसे जरूरी है कि पार्टी जातिगत ध्रुवीकरण और आईडेंटिटी पॉलिटिक्स के गुणा गणित से तत्काल बाहर आ जाए और अपनी पूरी ताकत से भाजपा के हिंदुत्व मार्का राष्ट्रवाद को नकार कर भारतीय राष्ट्रवाद और अपनी पुरानी गौरवपूर्ण विरासत के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश करे. इसके साथ ही समाज में यह मजबूत प्रचार करे कि आम आदमी पार्टी भाजपा के हिंदुत्व पंथी राष्ट्रवाद का एक छोटा रिचार्ज है. यह भाजपा के बराबर आपके लिए खतरा है.
यादव और जाटव कम्युनिटी को पद देने से बचे कांग्रेस
दूसरा सबसे जरूरी काम यह है कि कांग्रेस के पास जो पिछड़ा और दलित विभाग है वहां पर अति दलित और अति पिछड़ों में से नेतृत्व दिया जाए. कम से कम यादव और जाटव कम्युनिटी से फिलहाल कोई पद देने से बाज आया आया जाए. यह कम्युनिटी फिलहाल कांग्रेस को वोट नहीं देगी. और यह साफ है कि इनके नेतृत्व में एक भी वोट आने वाला नहीं है.
इन विभागों में जो अति पिछड़े और अति दलित समुदाय के नेता आएं उनका सिर्फ एक काम होना चाहिए कि वह भाजपा और आम आदमी पार्टी की हिंदुत्ववादी नीतियों को लेकर अति दलित और अति पिछड़ी जनता के बीच जाएं और यह बताएं कि भाजपा और आम आदमी पार्टी कैसे आपको संवैधानिक तरीके से मिली आजादी को नष्ट करने का काम कर रही हैं.
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के प्रसार को रोकने और भाजपा से निपटने का और कोई रास्ता फिलहाल कांग्रेस के पास नहीं है. अन्यथा UP में गुजरात से बुरी स्थिति देखने के लिए पार्टी को मानसिक तौर पर खुद को तैयार कर लेना चाहिए.
AAP BJP Promoting Hindutva
हरे राम मिश्र
लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। कांग्रेस से जुड़े रहे हैं।
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UP: Congress will have to deal with AAP-BJP alliance


