यूपी में खराब कानून व्यवस्था के खिलाफ का0 अखिलेन्द्र प्रताप सिंह दस दिन के उपवास पर
यूपी में खराब कानून व्यवस्था के खिलाफ का0 अखिलेन्द्र प्रताप सिंह दस दिन के उपवास पर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था के खिलाफ लगभग आधा दर्जन दलों का अभियान शुरू होने जा रहा है।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया), राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी समेत तमाम वाम-जनवादी ताकतों के जन अधिकार अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में कानून के राज ¼Rule of Law½ की स्थापना के लिये ऑल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के राष्ट्रीय संयोजक का0 अखिलेन्द्र प्रताप सिंह 10 जून 2013 को एक बजे से 19 जून 2013 तक विधान सभा के सामने धरना स्थल पर 10 दिवसीय उपवास पर बैठेंगे।
प्रेस क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आमिर रशादी मदनी, सीपीएम राज्य समिति सदस्य का0 राधेश्याम वर्मा, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय महामन्त्री ओंकार सिंह, राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव व पूर्व मन्त्री का0 कौशल किशोर, आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी व प्रदेश संयोजक मोहम्मद शोएब, लाल बहादुर सिंह ने इस जन अधिकार अभियान और उपवास के 18 सूत्री एजेण्ड़ा को जारी किया।
एजेण्डा की कॉपी जारी करते हुये राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आमिर रशादी मदनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहद खराब है। यहाँ माफिया-पुलिस-गुण्डाराज चल रहा है। प्रदेश में कानून का राज हो इसके हम सब ताकतें एक मंच पर हैं। हमारा यह साझा आन्दोलन सिद्धान्तों पर आधारित है और अनशन से इसकी शुरूआत हो रही है।
सीपीएम के राज्य समिति सदस्य राधेश्याम वर्मा ने कहा कि जनता के अधिकारों को हासिल करने के लिये आन्दोलन की ताकतों को एक साथ लाने के लिये हमारी पार्टी पूरी ताकत से इस आन्दोलन में शिरकत करेगी। राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव व पूर्व मन्त्री का0 कौशल किशोर ने कहा कि कॉरपोरेट के मुनाफे और भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश में बिजली का संकट है, सरकार जनता पर बोझ बढ़ाकर बिजली की कीमतें बढ़ा रही है। सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय महामन्त्री ओकांर सिंह ने कहा कि लोहिया की विचारधारा पर प्रदेश की सरकार नहीं चल रही है। अति पिछड़ों को अलग आरक्षण कोटा देने की माँग भी उन्होनें उठायी। आईपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी व प्रदेश संयोजक मोहम्मद शोएब, लाल बहादुर सिंह ने कहा कि बिना कानून के और इंसाफ के राज के प्रदेश में विकास हो पाना सम्भव नहीं है।
18 सूत्री एजेण्डे में मुख्यतः खालिद मुजाहिद की मौत व गिरफ्तारी की सीबीआई से विवेचना कराने, आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तार मुस्लिम नौजवानों के मुकदमों के निस्तारण के लिये विशेष अदालतों का गठन करने और जितनी जल्दी हो सके जो निर्दोष हो उनकी रिहाई और पुनर्वास की गारन्टी करने, अखिलेश सरकार में हुये 27 दंगों की न्यायिक जाँच कराने, बिजली दरों को बढ़ाने का फैसला वापस लेने, 14 अरब से भी ज्यादा के स्मारक घोटाले की सीबीआई से जाँच कराने, प्रदेश में जारी अवैध खनन पर रोक लगाने और इसकी सीबीआई से जाँच कराने, वनाधिकार कानून के तहत आदिवासियों व वनाश्रित लोगों को जमीन पर मालिकाना हक देने, किसान आयोग का गठन करने, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे को रद्द करने, माओवादी होने के नाम पर चल रहे गैगस्टर व गुण्डा एक्ट समाप्त करने और जेल में बन्द सभी लोगों की जमानत कराने और उनके पुनर्वास की व्यवस्था कराने, अन्य पिछड़ा वर्ग में अति पिछड़ों और पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग करने, धारा 341 को खत्म कर दलित मुसलमानों व इसाईयों को अनुसूचित जाति में षामिल करने, कोल जैसी आदिवासी जातियों को जनजाति का दर्जा देने, गोड़, खरवार जैसी आदिवासी का दर्जा पायी जातियों के लिये चुनाव में सीटें आरक्षित करने, रोजगार के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाने, ठेका मजदूरों का विनियमितीकरण करने, कांट्रैक्ट फार्मिंग पर रोक लगाने - कोआपरेटिव खेती को प्रोत्साहित करने, लागत मूल्य का पचास प्रतिशत जोड़ कर फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने, गन्ना, गेहूँ और धान की खरीद का तत्काल भुगतान करने सम्बंधी मुद्दे हैं।


