ये नेता महिलाओं को इस्तेमाल की चीज़ क्यों मानते हैं .
ये नेता महिलाओं को इस्तेमाल की चीज़ क्यों मानते हैं .
शेष नारायण सिंह
बिहार में सत्ताधारी दल के एक विधायक को उसके घर पर ही चाकू घोंप कर मार डाला गया . जिस महिला ने उनके ऊपर जानलेवा हमला किया ,उसने आरोप लगाया है कि विधायक ने उसका यौन शोषण किया था ,उसके परिवार को मारा पीटा था, उसको जान से मारने की धमकी दी थी और उसके परिवार की शान्ति को छिन्न भिन्न कर दिया था . उस महिला का नाम रूपम पाठक है और उसने इस अत्याचार के खिलाफ ने पुलिस में शिकायत भी थी लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. उस पर दबाव डाल कर केस को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया गया . लगता है कि कहीं से भी न्याय की उम्मीद से निराश होने के बाद उसने यह क़दम उठाया . हत्या एक जघन्य अपराध है और उसकी निन्दा की जानी चाहिए, हत्या जैसा जघन्य आपराध करने वाले को भारतीय दंड संहिता के आधार पर दंड दिया जाना चाहिए . ताज़ा खबर यह है कि अदालत ने रूपम पाठक को चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है . राज्य के मुख्य मंत्री सुशील कुमार मोदी ने पत्रकारों से बता दिया है कि कि मामले के सी बी आई जांच की कोई ज़रुरत नहीं है और जुडीशियल जांच की भी कोई ज़रुरत नहीं है . राज्य की पुलिस पूरी तरह से सक्षम है और वह जांच का काम पूरा कर लेगी. उनके इस बयान के बाद राज्य की पुलिस ने पूरी तत्परता से काम शुरू भी कर दिया है. हर उस आदमी की धर पकड़ शुरू हो गयी है जो रूपम पाठक के साथ ज़रा सी भी सहानुभूति रखता है . एक मुकामी अंग्रेज़ी साप्ताहिक अखबार के संपादक को पकड़ लिया गया है . नवलेश पाठक नाम के इन पत्रकार ने ही कई महीने पहले रूपम पाठक के यौन शोषण की बात को सार्वजनिक कर दिया था . पुलिस का कहना है कि विधायक की हत्या साजिशन की गयी है और यह पत्रकार उस साज़िश का हिस्सा है . इसके पहले कि विधायक की ह्त्या और उस से जुडी दीगर सामाजिक समस्याओं पर नज़र डाली जाए ,मृतक विधायक के बारे में भी कुछ जानकारी ले लेना ज़रूरी है . बीजेपी के इस विधायक का नाम राज किशोर केशरी है .अभी संपन्न हुए विधान सभा अचुनाव में यह विधायक जी पूर्णिया जिले से बीजेपी के टिकट पर जीत कर आये थे . चुनाव के समय उन्होंने एक हलफनामा दाखिल करके स्वीकार किया था कि उनके ऊपर आई पी सी की कई आपराधिक धाराओं में मुक़दमा चल रहा है . उन्होंने अपने शपथ पत्र ,में लिखा है है कि वे आई पी सी की दफा १४७,१४८ ,१४९,,३२३,३३२,३४१, ३५३,३०७,३७९,४२६ ,४२७ ,५०४ में अभियुक्त हैं . आम बोलचाल की भाषा में इन दफाओं का मतलब भी स्वर्गीय विधायक जी ने अपने शपथ पत्र में साफ़ साफ़ लिखा है . यह मुक़दमे क़त्ल की कोशिश , चोरी ,अपहरण जैसे संगीन मामलों में दर्ज किये गए हैं . यह मुक़दमे किसी विपक्षी पार्टी की सरकार के दौरान नहीं दर्ज किये गए. यह सारे अपराध नीतीश कुमार के पिछली सरकार के दौरान किये गए और अपनी सरकार होने के बावजूद यह राज कुमार केशरी आपराधिक मुक़दमों से बच नहीं सके . लुब्बो लुबाब यह है कि राज कुमार केशरी कोई मामूली आदमी नहीं थे . इलाका उनसे थर्राता था . शायद इसी वजह से रूपम पाठक के ससुर ने ऐलानिया कह दिया कि स्वर्गीय विधायक जी तो बहुत अच्छे आदमी थे , उनकी बहू ने ही गड़बड़ किया था . इस प्रकार से मामला दफ़न होने की राह पर निकल पड़ा था लेकिन रूपम पाठक की माँ, कुमुद मिश्र ने अपनी बेटी की इज्ज़त को दागदार होने से बचाने का फैसला किया और बिहार के राज्य महिला आयोग में अर्जी लगा दी कि राजकुमार केशरी और उसका चमचा बिपिन राय उनकी बेटी को हमेशा परेशान करते रहते थे . उन्होंने अपनी दरखास्त में लिखा है कि केशरी एक बदमाश आदमी था और सारा पूर्णिया जिला उसके गुनाहों को जानता था और बहुत सारे लोगों को मालूम है कि उसने आतंक का राज कायम कर रखा था . रूपम की माँ ने मांग की है कि मामले की सी बी आई जाँच करवाई जाए क्योंकि बिहार पुलिस तो गवाहों को डरा धमका कर फर्जी मामले में रूपम पाठक >>
>


