लोकमोर्चा संयोजक अजीत सिंह यादव ने जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय पर भूख हड़ताल शुरू की

यदु शुगर मिल पर गन्ना किसानों के गन्ना बकाया के भुगतान, सूबे में गन्ना मूल्य घोषित करने और तीन कृषि कानूनों की वापसी को उठाई आवाज

बदायूँ, 23 दिसम्बर, बदायूँ जनपद में यदु शुगर मिल (Yadu sugar mill in Badaun district) समेत चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के गन्ना बकाया के भुगतान (Sugarcane farmers' cane dues payments on sugar mills), सूबे में गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग को लेकर लोकमोर्चा संयोजक अजीत सिंह यादव जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय पर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

भूख हड़ताल द्वारा मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध देश में जारी किसान आंदोलन का समर्थन किया जा रहा है।

भूख हड़ताल पर बैठते समय लोकमोर्चा संयोजक अजीत सिंह यादव ने कहा कि बदायूँ जनपद में यदु शुगर मिल पर गन्ना किसानों का पिछले वर्ष का 67 करोड़ रुपया बाकाया है और पूरे सूबे में गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ से अधिक बकाया है, जिससे किसानों के सामने भुखमरी का संकट पैदा हो गया है। गन्ना कानून में गन्ना सप्लाई के 14 दिनों के अंदर भुगतान के प्रावधान को योगी सरकार जानबूझकर लागू नहीं कर रही है। नए सत्र में 26 अक्टूबर से चीनी मिलें शुरू हो चुकी हैं लेकिन अभी तक सूबे में गन्ना मूल्य घोषित न करने से योगी सरकार का किसान विरोधी चरित्र बेनकाब हो गया है। संघ - भाजपा की योगी सरकार चीनी मिल मालिकों से मिली हुई है और गन्ना किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रही है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह मोदी सरकार ने खेती किसानी और कृषि खाद्यान्न बाजार पर देशी विदेशी कारपोरेट कंपनियों का कब्जा कराने को कृषि के तीन काले कानून पारित किए हैं। किसान आंदोलन खेती किसानी और कृषि खाद्यान्न बाजार को देशी विदेशी कारपोरेट कंपनियों के कब्जे से बचाने के लिए चल रहा है। मोदी सरकार लुटेरे कारपोरेट घरानों अम्बानी -अडानी और अमेरिकी कंपनियों की गुलामी कर किसानों, मजदूरों, गरीबों समेत आम जनता और देश से गद्दारी कर रही है।

उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी तक किसान आंदोलन चलाया जाना देश हित में आवश्यक है।

लोकमोर्चा संयोजक ने कहा कि उनकी भूख हड़ताल कल तक जारी रहेगी।

Yogi government cheating sugarcane farmers by conniving with sugar mill owners