रवीश कुमार जी मत भूलिए कि ऐसी भावुकता अंतत: अपराधी के पक्ष में जाती है
रवीश कुमार जी मत भूलिए कि ऐसी भावुकता अंतत: अपराधी के पक्ष में जाती है

रवीश कुमार जी बस वह एक गलती है और ये बाकी की हरकतें क्या हैं पुण्य कर्म!
टेलीविजन चैनलों से अधिक भ्रामक कुछ नहीं है इस देश में। अगर सलमान खान सजायाफ्ता मुजरिम हैं तो वह कौन है जिससे हमदर्दी दिखाने के चक्कर में ये चैनल दुबले हुए जा रहे हैं।
अगर सलमान खान का दिल दरिया है तो वह तंग दिल कौन था जिसने अपने गरीब ड्राइवर को गुनाह के 12 साल बाद झूठी गवाही देने के लिए तैयार किया और जिसकी अब वह सजा भी पाएगा।
अगर सलमान खान इतने बड़े दिल वाले हैं तो रविंद्र पाटिल सड़कों पर लावारिस क्यों मर गया? उसकी नौकरी क्यों छूटी, वह जेल क्यों गया?...
हिरण के शिकार वाली बात अभी नहीं करते हैं क्योंकि वह मामला अदालत में है लेकिन सोमी अली के मुंह पर भरी पार्टी में ड्रिंक फेंकना, ऐश्वर्या के साथ मारपीट करना, संगीता बिजलानी के साथ बदतमीजी करना...
पत्रकार रवीश कुमार भी सल्लू को लेकर भावुक हो गए हैं और उनको लगता है कि बस एक गलती उनके सीने पर सवार हो गई है।
बस वह एक गलती है और ये बाकी की हरकतें क्या हैं पुण्य कर्म! रवीश कुमार जी मत भूलिए कि ऐसी भावुकता अंतत: अपराधी के पक्ष में जाती है।
पूजा सिंह


