Ram in Rahim's poetry, Justice Katju is telling

जस्टिस मार्कंडेय काटजू

अब्दुल रहीम खानखाना न केवल मुगल बादशाह अकबर की सेना के एक वीर सेनापति थे, बल्कि वे एक महान हिन्दी कवि भी थे।

हालाँकि वह एक मुस्लिम थे, उनके कई दोहों में से कई भगवान राम की प्रशंसा में हैं। उनमें से कुछ यहां हैं:

1. गहि सरनागति राम की, भवसागर की नाव

‘रहिमन’ जगत-उधार को, और न कछू उपाय.

(भवसागर के पार ले जाने वाली नाव कोई है तो वह राम की शरण में जाना ही है. संसार से उद्धार पाने का दूसरा कोई उपाय नहीं है।)

2. राम नाम जान्यो नहीं, जान्यो सदा उपाधि

कहि रहीम तिहिं आपुनो, जनम गंवायो वादि

(जिन लोगों ने अपने धन, पद और उपाधि को ही जाना और राम के नाम को जाना नहीं है, उनका जन्म व्यर्थ है. वे केवल वाद-विवाद कर अपना जीवन नष्ट करते हैं।)

3. राम नाम जान्यो नहीं, भई पूजा में हानि

कहि ‘रहीम’ क्यों मानिहैं, जम के किंकर कानि

(राम नाम की महिमा मैंने पहचानी नहीं और पूजा-पाठ करता रहा. इस तरह बात बनी नहीं बल्कि बिगड़ती ही गई. अंत समय में यमदूत मेरी एक नहीं सुनेंगें।)

4. रहिमन धोखे भाव से मुख से निकसे राम

पावत पूरन परम गति कामादिक कौ धाम

(यदि कभी धोखे से भी भावपूर्वक मुंह से राम का नाम लिया जाए तो कल्याण हो जाता है भले ही वह व्‍यक्ति काम, क्रोध, लोभ, मोह, पाप आदि से ग्रस्त क्‍यों न हो)

5. मुनि नारी पासान ही कपि पसु गुह मातंग

तीनों तारे रामजू तीनों मेरे अंग.

(गौतम मुनि की पत्‍थर रूपी पत्नी अहिल्या; पशुवत वानर सेना एवं आदिवासी निशादराज का कल्‍याण प्रभु श्रीराम ने किया था. कठोरता, पशुवत व्‍यवहार तथा स्‍वभाव की निम्नता ये तीनों दुर्गुण मुझ में भी हैं. अब केवल राम ही मेरा उद्धार करेंगे।)

6. दुख नर सुनि हॉसी करै धरत रहीम न धीर

कही सुनै सुनि सुनि करै ऐसे वे रघुबीर.

(लोग तुम्हारा दुख सुनकर हंसी उड़ाएंगे. वे धीरज नहीं बंधाएंगे. केवल भगवान राम ही तुम्हारा दु:ख सुनेंगें. एकमात्र राम ही हैं जो तुम्हारा दु:ख दूर करेंगे.)

जब रहीम लिखते हैं कि केवल रघुवीर ही हैं जो हमारे दु:ख को दूर कर सकते हैं तो वे यह भी चेताते हुए चलते हैं कि निज मन की व्‍यथा किसी और से साझा करने का कोई हासिल नहीं होगा क्‍योंकि सब सुनेंगे, हंसेंगे, समाधान कोई नहीं देगा।

7. राम नाम जान्यो नहीं, भई पूजा में हानि
कहि ‘रहीम’ क्यों मानिहैं, जम के किंकर कानि
For those who do not know the name of Lord Ram, ritualistic prayers will only bring harm. Yamraj ( the god of death ) will pay no heed to their pleas ( in deciding whether to take them to heaven or hell )

8. चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध नरेस।

जापर विपदा पड़त है, सो आवत यह देस।

यह दोहा चित्रकूट की महिमा बताता है जहां भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्षमण के साथ कई वर्ष बिताये।

(जस्टिस काटजू भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश हैं। यह उनके निजी विचार हैं।)