राजगोपाल पी.व्ही. का उपवास शुरू
राजगोपाल पी.व्ही. का उपवास शुरू
सालों से जमीन पर काबिज, पट्टा नहीं दे रही सरकार
कंपनियों को जल्दी मिलती है जमीन पर गरीबों को देर से भी नहीं
सरकार में नैतिकता है तो जमीन संबंधी समस्या का जल्द करे समाधान
भोपाल। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए किसान, आदिवासी एवं भूमिहीनों के साथ एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. ने आज भोपाल के नीलम पार्क में चार दिवसीय उपवास शुरू कर दिया। प्रदेश में जमीन संबंधी समस्याओं के निराकरण नहीं किए जाने और किसानों से जमीन छिनकर उद्योगपतियों के हवाले करने के लिए बनाए जा रहे कानून के खिलाफ एकता परिषद द्वारा आयोजित धरने एवं उपवास को देश भर से समर्थन मिल रहा है।
उपवास से पहले गांधी भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद रैली निकाली गई। धरने में आम सभा में सीहोर जिले के नसरूल्लागंज के डोंगलापानी गांव से आए खुमान सिंह बारेला आदिवासी ने बताया कि उनके गांव के लगभग 200 लोग पीढ़ियों से वन भूमि पर खेती करते आए हैं, पर जब उन्होंने वन अधिकार के तहत पट्टे के लिए दावा किया तो उसे निरस्त कर दिया गया। पूछने पर अधिकारी यह नहीं बताते कि दावा निरस्त क्यों हुआ और उनका अधिकार कैसे मिलेगा?
श्री राजगोपाल ने कहा कि खुमान सिंह की तरह प्रदेश में लाखों आदिवासी, किसान एवं वंचित समुदाय के लोग जमीन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हमसे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संवाद के लिए संपर्क किया था। जब हम कल उनसे मिले तो हमने कहा कि पहले के विस्थापितों का पुनर्वास हो और जमीन संबंधी समस्याओं का निराकरण किया जाए, तब नई योजनाओं को लाया जाए। पर हम देख रहे हैं कि गरीबों को अधिकार देने के बजाय एक के बाद एक आ रही कंपनियों को जमीन दी जा रही है और उनके लिए नियम बनाए जा रहे हैं। हमने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि आपके पास समय नहीं है तो सामाजिक संगठनों के साथ राज्य, जिला एवं तहसील स्तर पर सरकार एक सषक्त समिति का गठन करे, जो इन समस्याओं का त्वरित समाधान करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि समस्या पर टास्क फोर्स गठित करेंगे और भूमि सुधार आयोग बनाएंगे। हम देखना चाहते हैं कि सरकार इस पर कितनी जल्द अमल करती है। हम सरकार पर नैतिक दबाव देने के लिए यहां उपवास पर बैठे हैं, पर यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो हम संख्या बल के आधार पर प्रदर्षन करेंगे।
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रन सिंह परमार ने कहा कि पिछले 10 सालों में हमने कई बड़े राष्ट्रीय आंदोलन कर भारत सरकार को भूमि सुधार के लिए मजबूर किया, जिसके बाद सरकार ने कुछ काम किए और कुछ अधूरे हैं, पर उस अनुरूप मध्यप्रदेष में भूमिहीनों के लिए काम नहीं हुआ। आज भी वंचितों को अधिकार देने के बजाय उन्हें सरकारी कर्मचारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है। किसान नेता शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’ ने कहा कि प्रदेश में पिछले डेढ़ महीने में 72 किसानों ने आत्महत्या कर ली। प्रदेश में साढ़े 13 लाख भूमि संबंधी प्रकरण चल रहे हैं, जिससे किसान, आदिवासी एवं भूमिहीन परेशान हैं। फसलें बर्बाद होने किसानों को बीमा की राशि नहीं मिली रही है, क्योंकि राज्य सरकार ने इसमें अपने हिस्से की राशि जमा नहीं की है। उद्योगपतियों पर ध्यान देने वाली सरकार गरीबों एवं किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है।
एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीश कुमार ने बताया कि राज्य स्तर पर उपवास के समर्थन में 20 जिलों में एकता परिषद के बैनर तले आदिवासी, किसान एवं वंचित समुदाय उपवास कर रहे हैं। श्री राजगोपाल के साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 20 लोग चार दिन के उपवास पर बैठ गए हैं और इनके समर्थन में एक दिन के उपवास पर सैकड़ों लोग शामिल हुए।


