राज्यों को लूट खसोट में भागीदार बना खान एवं खनिज विधेयक पास
राज्यों को लूट खसोट में भागीदार बना खान एवं खनिज विधेयक पास
भूमि अधिग्रहण से ज्यादा खतरनाक है खान एवं खनिज विधेयक
बीमा बिल पास कराने में जैसे सहयोग किया दीदी ने, नीतीश कुमार ने वही तरीका अपनाया खान एवं खनिज विधेयक पास कराने में
नई दिल्ली/ कोलकाता। हम शुरू से लिख रहे हैं कि भूमि अधिग्रहण से ज्यादा खतरनाक है खान एवं खनिज विधेयक। यह देश भर की प्राकृतिक संपदा, जो असली सोने की चिड़िया है, दरअसल उसके कारपोरेट लूट का स्थाई बंदोबस्त हो गया।
फर्क इतना सा है कि राज्यों को इस लूटखसोट में भागीदार बनाकर क्षत्रपों का समर्थन जीत लिया है मोदी के केसरिया कारपोरेट रणनीतिकारों ने।
काफी विवादों और प्रक्रियात्मक तकरार के बाद खान एवं खनिजों के मामले में राज्यों को और अधिक अधिकार देने वाले चर्चित विधेयक को आज राज्यसभा की मंजूरी मिल गयी। कांग्रेस एवं वाम दलों को छोड़कर अधिकतर पार्टियों ने इसका समर्थन किया, जबकि जदयू ने यह कह कर वाकआउट किया कि वह इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहता है।
बीमा बिल पास कराने में जैसे सहयोग किया दीदी ने, नीतीश कुमार ने वही तरीका अपनाया है खान एवं खनिज विधेयक पास कराने में।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उच्च सदन ने खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2015 को 69 के मुकाबले 117 मतों से पारित किया।
सदन ने इस विधेयक को फिर से प्रवर समिति के पास भेजने की कुछ दलों की मांग तथा इस विधेयक के विभिन्न उपबंधों पर वाम एवं कांग्रेस के सदस्यों द्वारा लाये गये संशोधनों को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि इस विधेयक को लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है। उच्च सदन में इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा गया था। प्रवर समिति ने इसके बारे में 18 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस विधेयक के जरिये 1957 के मूल अधिनियम में संशोधन किया गया है। सरकार इससे पहले इस संबंध में एक अध्यादेश जारी कर चुकी है। मौजूदा विधेयक संसद की मंजूरी के बाद उस अध्यादेश का स्थान लेगा।
इसी के मध्य खबर है कि मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के बाद अब इसी से सटे दमोह जिले की हटा तहसील में भी हीरा अपनी चमक बिखेर सकता है। जिले के लगभग 400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हीरे की खोज के लिए राज्य शासन के माध्यम से केन्द्र सरकार को हीरा खोज की अनुमति देने का प्रस्ताव भेजा गया है।
इन हीरों की खोज, उनका खनन किसके लिए है, समझ भी लीजिये।
बहरहाल राज्यसभा में शुक्रवार को माइनिंग बिल पास हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खनन सचिव ने कहा कि अब लोकसभा में एमएमडीआर बिल पर चर्चा की जाएगी। माइनिंग से जुड़े कुछ नियमों पर राज्यों की राय ली जाएगी। अगले दो हफ्तों में राज्यों के साथ बातचीत शुरू की जाएगी। खनन मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि नए एमएमडीआर बिल में डीएमएफ के नियमों में बदलाव किए गए हैं। एमएमडीआर बिल से खदानों का ई-ऑक्शन हो सकेगा। तोमर ने बताया कि सरकार ने जो संशोधित बिल पेश किया वो महत्वपूर्ण है। इसमें दो तरह के संशोधन बिल शामिल हैं।
और दूसरी हरित क्रांति के साथ भोपाल गैस त्रासदी का भी जश्न मनाइये .....
पलाश विश्वास


