राहुल गांधी, समय है अब भी सुधार कर लो !
राहुल गांधी, समय है अब भी सुधार कर लो !
राहुल गांधी ने आरएसएस की तुलना बैन किए जा चुके मुस्लिम संगठन सिमी से की।
आरएसएस जैसे फ़ासिस्ट संगठनों के ऊपर प्रतिबन्ध लगाने की बात करो
रणधीर सिंह सुमन
राहुल गांधी ने आरएसएस की तुलना बैन किए जा चुके मुस्लिम संगठन सिमी से की। कांग्रेस पार्टी के ओर से दस वर्ष तक डॉ. मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री रहे हैं, राहुल गांधी यह बात तब क्यों नहीं समझ में आई?
यह बात अब राहुल गाँधी की समझ में आई है कि आरएसएस की गतिविधियाँ सिमी के बराबर हैं, जो पूरी तरह से सत्य नहीं है।
वास्तव में महात्मा गाँधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबन्ध लगाना और माफीनामे के बाद सांस्कृतिक संगठन के रूप में काम करने की आजादी देना, कांग्रेस की सबसे बड़ी भूल थी। सांस्कृतिक संगठन के रूप में उसने बहुसंख्यक समाज में अल्पसंख्यक मुसलमानों के खिलाफ एक विषाक्त वातावरण तैयार किया, जिसका असर मध्यम वर्गीय कुछ युवाओं पर ज्यादा पड़ा।
क्या कांग्रेस को आरएसएस के सांस्कृतिक मुखौटे के अतिरिक्त राजनीतिक मुखौटा जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी नहीं दिखाई दी। कांग्रेस नेताओं की समझ हिन्दू व हिंदुत्व के अंतर को समझने में असमर्थ रही है। हिन्दू एक धर्म है और हिंदुत्व एक राजनीतिक विचारधारा है, जो हिटलर, मुसोलिनी के आदर्शों पर चल कर इर्ष्या के आधार पर सृजित संगठन है। अल्पसंख्यक विरोध इसकी जीवन धारा है। मुसलमान ही नहीं, ईसाईयों के भी खिलाफ है, जब दोनों नहीं मिलते हैं तो बौद्धों के खिलाफ है। जब बौद्ध नहीं मिलते हैं, तो सिखों के खिलाफ है। इस तरह से यह संगठन ईर्ष्या के आधार पर कार्य करता है। दुष्प्रचार व गलत तथ्यों का सहारा लेकर यह लोगों को भड़काने का काम करता है।
कांग्रेस में जब तक धर्म निरपेक्ष ताकतों का बोलबाला रहा तब तक यह संगठन अपनी ताकत बटोरने के लिए तथा बढ़ाने के लिए इतिहास को तोड़ना-मरोड़ना जारी रखा। आज भी यह काम तेजी के साथ जारी है। कांग्रेस संगठन पर इन्ही हिंदुत्ववादियों का प्रभाव बाधा व इसके तमाम नेता नागपुरी भाषा बोलने लगे, उस भाषा का परिणाम यह हुआ कि अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़ी जातियों के लोग इससे दूर हटने लगे। समाजवाद का नारा, सामंतवाद के नारे के रूप में बदलना शुरू हो गया और आर्थिक सुधारों के नाम पर मल्टी नेशनल कंपनियों का मुनाफा लाखों लाख करोड़ बढ़ता गया। जल, जंगल, जमीन पूरे देश के नागरिकों के न होकर कुछ उद्योगपतियों की व्यक्तिगत संपत्ति हो गए।
राहुल गाँधी अगर आप में राजनीतिक समझ है, तो अविलम्ब कांग्रेस संगठन को हिंदुत्ववादी तबके से मुक्त कराओ और आरएसएस जैसे फ़ासिस्ट संगठनों के ऊपर प्रतिबन्ध लगाने की बात करो, सरकार आने पर इस कार्य को ईमानदारी से पूरा करो तभी कांग्रेस को पुनर्जीवन मिल सकता है। समाजवाद के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इस बात को अच्छी तरीके से समझने की जरूरत है। साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई को तेज करने की जरूरत है अन्यथा साम्राज्यवादी ताकतें भारत समेत पूरे एशिया को युद्ध का मैदान बना देंगी। कभी जाति के नाम पर, कभी भाषा के नाम पर, कभी प्रान्त के नाम पर।


