रूसी क्रांति पर फिल्म प्रदर्शन
रूसी क्रांति पर फिल्म प्रदर्शन

रूसी क्रांति (अक्टूबर क्रांति) दिवस - 7 नवम्बर 2013
7 नवम्बर को मनाये जाने वाले रूसी क्रांति दिवस को अक्टूबर क्रांति दिवस कहने पर अनेक लोगों को अचरज लगता है। दरअसल 1917 में रूस में जूलियन कैलेंडर प्रचलित था जिसके मुताबिक रूसी क्रांति 25 अक्टूबर को हुई थी। सारी दुनिया में प्रचलित मौजूदा ग्रेगोरियन कैलेंडर, जिसे हम लोग भी इस्तेमाल करते हैं, के मुताबिक उस दिन 7 नवम्बर की तारीख़ थी (और इस ग्रेगोरियन या पश्चिमी या क्रिस्टियन कैलेंडर में भी दोष है। विस्तार के लिए इस लिंक को देखा जा सकता है - http://ckraju.net/hps-aiu/ckr-calendar.html )। बहरहाल, इसलिए अक्टूबर क्रांति को 7 नवम्बर को मनाया जाता है।
साथियो,
7 नवम्बर को रूसी क्रांति की सालगिरह का दिन है। सन् 1917 में हुई वह बोल्शेविक क्रांति दुनिया के अनेक देशों के इंकलाबियों के लिए प्रेरणा बनी। हम कुछ साथी इस 7 नवम्बर 2013 को वहाँ हुई क्रांति के बारे में, क्रांति के बाद बने सोवियत संघ के बारे में, वहाँ हुए परिवर्तनों के बारे में विस्तार से जानने- समझने की कोशिश करेंगे। इस मौके पर हमारे साथ कुछ किताबें होंगी और कुछ फ़िल्में। हम सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रूसी क्रांति के कुछ महत्त्वपूर्ण पहलुओं का अध्ययन करेंगे। यह क्रांति को एक विज्ञान के रूप में समझने की कोशिश के साथ ही उन महान मज़दूरों, किसानों और इंकलाबियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने दुनिया भर में इस यक़ीन को हमेशा के लिए पुख्ता किया कि यह दुनिया आम लोगों द्वारा बदली जा सकती है और पूंजीवाद कितना भी ताकतवर हो, वह भीतर से न केवल खुद खोखला होता है बल्कि मुनाफ़े की हवस में दुनिया को भी खोखला करता जाता है।
सुबह 10 बजे रूसी क्रांति पर एक परिचयात्मक वक्तव्य के साथ यह बैठक शुरु होगी। सुबह 11 बजे रूसी क्रांति पर बनी फ़िल्म "वो दस दिन जब दुनिया हिल उठी" का होगा। यह फ़िल्म विश्व के महान फ़िल्मकार आईजेन्स्टाइन के सहयोगी रहे ग्रिगोरी अलेक्सांद्रोव ने बनायी थी और इसमें पहले व् दूसरे विश्व युद्ध और 1917 के दौर के कुछ ऑरिजिनल फुटेज का इस्तेमाल किया गया है। हिंदी में यह फ़िल्म सन्दर्भ केन्द्र द्वारा डब की गई है और अब तक इसके देश-विदेश में सैकड़ों प्रदर्शन हो चुके हैं।
फ़िल्म के उपरांत चर्चा होगी और 1. 30 बजे भोजनावकाश। प्रतिभागी अपना-अपना भोजन साथ लेकर आएँगे। भोजन के बाद के सत्र में हम क्रांति के बाद के सोवियत संघ के बारे में, वहाँ अपनाई गईं औद्योगिक-आर्थिक-सामाजिक-राजनीतिक नीतियों के बारे में, दूसरे विश्वयुद्ध, फासीवाद से जंग, अंतरराष्ट्रीयतावाद, उनकी उपलब्धियों और गलतियों के बारे में, ग्लासनोस्त और पेरेस्त्रोइका, और सोवियत संघ के बिखराव और वहाँ के आज के हालात के बारे में बात करेंगे।
स्थान होगा- एम. पी. बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, ओएसिस भवन, प्रथम मंजिल, मिलन टी. वी. एस. के ऊपर, रानी सती गेट के सामने, वाय. एन. रोड, इंदौर। इस जगह पर करीब 25 -30 लोग आ सकते हैं। इसलिए अनुरोध यह है कि जो शामिल हों वे पहले से हमें बता दें ताकि हम व्यवस्था देख सकें। जो साथी पूरे दिन का वक्त नहीं निकाल सकते हों वे 11 बजे से फ़िल्म देखने के लिए आ सकते हैं।
इसमें शामिल होने वाले साथियों से अनुरोध है कि अपने लिए दिन का खाना एवं पानी साथ लेकर आएं। यदि आप शामिल होना चाहते हैं तो कृप्या मोबाइल पर संपर्क करें।
सन्दर्भ केन्द्र
सम्पर्क- 09893192740


