हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र और कार्यकर्ता रोहित वेमुला की मौत आत्महत्या नहीं, हिन्दुत्ववादी सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के हाथों की गयी हत्या है!
बंडारू दत्तात्रेय, स्‍मृति ईरानी और हैदराबाद विवि के कुलपति अप्‍पा राव का इस्‍तीफ़ा लो!
इस आन्‍दोलन को घोर जातिवादी और धार्मिक कट्टरपंथी पोंगापंथी ताक़तो के गंठजोड़ के विरुद्ध व्‍यापक संघर्ष की एक कड़ी बनाना होगा
लखनऊ, 21 जनवरी। हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र और कार्यकर्ता रोहित वेमुला की आत्महत्या को "सांस्‍थानिक हत्‍या" करार देते हुए नौजवान भारत सभा, नई दिशा छात्र मंच और विभिन्‍न जनसंगठनों ने आज जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर विभिन्‍न वक्‍ताओं ने कहा कि इस प्रतिभाशाली और न्यायप्रिय नौजवान की मौत के सबसे बड़े ज़िम्मेदार हैं मोदी सरकार के दो केन्द्रीय मंत्री और विश्वविद्यालय प्रशासन जो महीनों से उसे प्रताड़ित कर रहे थे। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, मानव संसाधन मंत्री स्‍मृति ईरानी और हैदराबाद विश्‍वविद्यालय के कुलपति अप्‍पा राव से तत्‍काल इस्‍तीफ़ा लिया जाना चाहिए।
नौजवान भारत सभा की गीतिका ने कहा कि रोहित और उसके साथी लम्बे समय से संघ परिवार से जुड़े लोगों के निशाने पर थे। पिछले साल अगस्त में ए.बी.वी.पी. नेता की झूठी शिकायत पर केंद्रीय मंत्री दत्तात्रेय ने उन पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा और मानव संसाधन मंत्रालय ने दबाव डालकर रोहित सहित पांच दलित शोध छात्रों को हास्‍टल से निकलवा दिया। उनकी फ़ेलोशिप रोक दी गई। खुले आसमान के नीचे वे अपना संघर्ष जारी रखे हुए थे लेकिन प्रशासन ने कोई ध्‍यान नहीं दिया। इसी का नतीजा है कि एक बेगुनाह नौजवान ने खुद को फाँसी लगा ली। उसका दोष यही था कि उसने पितृसत्ता, ब्राह्मणवाद और धर्म की राजनीति करने वाले फासीवादियों के खि़लाफ़ आवाज उठायी थी।
जागरूक नागरिक मंच के सत्‍यम ने कहा कि हिंदुत्ववादी ताकतें असहमति का गला दबा कर देश के उच्चतर शिक्षण संस्थानों के भगवाकरण में जुटी हैं। यह घटना उच्चतर शिक्षण संस्थानों में लोकतांत्रिक असहमति और विचारों के मुक्त आदान-प्रदान का गुंडागर्दी के जरिए गला घोंटने में लगी हिंदुत्ववादी ताकतों के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन की गहरी साठगांठ का परिणाम है।
नई दिशा छात्र मंच के लालचन्‍द्र ने कहा कि यह घटना संघ परिवार और नरेन्द्र मोदी सरकार के दलित विरोधी चरित्र को उजागर करती है। उन्‍होंने कहा कि उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों में दलित छात्रों के साथ भेदभाव और उनकी आत्‍महत्‍या की घटनाएं पगातार होती रही हैं। मोदी सरकार आने के बाद दलित-विरोधी मानसिकता को और बढ़ावा मिला है। उन्‍होंने कहा कि रोहित के मुद्दे पर केजीएमयू के एसपी हॉस्‍टल में 20 जनवरी को पर्चा बांटते समय एबीवीपी के समर्थक छात्रों और हॉस्‍टल वार्डन ने उनके साथ बदसलूकी की।
रोहित को इंसाफ़ दिलाने के लिए देशभर में जारी आन्‍दोलन को पूरा समर्थन देने की घोषणा करते हुए वक्‍ताओं ने कहा कि इस आन्‍दोलन को घोर जातिवादी और धार्मिक कट्टरपंथी पोंगापंथी ताक़तो के गंठजोड़ के विरुद्ध व्‍यापक संघर्ष की एक कड़ी बनाना होगा।
प्रदर्शन में विभिन्‍न जनसंगठनों के कार्यकर्ता, छात्र और युवा शामिल हुए।
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