लखनऊ। देश के सामने उभर रहे राजनैतिक सामाजिक और आर्थिक खतरों का मुकाबला करने के लिए समाजवादी, वामपंथी, गाँधीवादी, आम्बेडकरवादी ताकतों के साथ जन संगठनों और जन आंदोलनों की पहल उत्तर प्रदेश में भी शुरू हो गई। अब बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई अंचल में समाजवादी समागम का आयोजन किया जाएगा।

बुधवार को सोशलिस्ट पार्टी के राज्य मुख्यालय में समाजवादी समागम हुआ जिसमे प्रदेश के कई जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। समाजवादी समागम में हिस्सा लेने के लिए मध्य प्रदेश से डा. सुनीलम और दिल्ली से विजय प्रताप भी पहुंचे थे। समागम में समाजवादी नेता गिरीश पांडे, संदीप पांडे, विजय नारायण सिंह, कुलदीप सक्सेना, मजदूर नेता कृपा शंकर श्रीवास्तव, उमा शंकर मिश्र, राम गोपाल वर्मा, राजकुमार सिंह, तहरीके निसवां की संयोजक ताहिरा हसन, रफत फातिमा, गीता, किसान नेता सरदार गुरनाम सिंह, जय कृष्ण मौर्य, संजीव सिंह, संजीव श्रीवास्तव, जेके सुखिया, देवेश पटेल, आलोक, राजीव हेम केशव, अरविन्द कुमार, सुशील कुमार पाण्डेय, सुभम श्रीवास्तव, ओम प्रकाश जाटव, रमेश चन्द्र, राम प्रकाश आदि ने अपने विचार रखे। समागम की अध्यक्षता विजय नारायण सिंह ने की तो सञ्चालन अंबरीश कुमार ने किया।

गौरतलब है कि समाजवादी नेता जीजी पारीख के नब्बे वर्ष पूरे होने पर मुंबई के पनवेल स्थित युसूफ मेहर अली सेंटर में राष्ट्रीय स्तर का समाजवादी समागम किया गया था जिसके बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में यह पहल हो रही है।

समागम में देश में बढ़ रही फिरकापरस्त ताकतों का मुकाबला करने का संकल्प किया गया और आर्थिक उदारीकरण के नाम पर खुदरा क्षेत्र, बीमा, रेलवे से लेकर रक्षा क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोले जाने पर चिंता जताई गई। मजदूर नेताओं ने इसे देश के लिए बड़ा खतरा बताया और इसका मुकाबला करने के लिए समाजवादी, वामपंथी, गाँधीवादी और आम्बेडकरवादी ताकतों से एक मंच पर आने की अपील की गई। यह भी बताया कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर ज्यादातर मजदूर संगठन एक हो रहे हैं। इस मुद्दे पर आंदोलन की तयारी हो रही है। उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के समाजवादी समागम से इसे और ताकत देने का प्रयास होगा।

जनादेश न्यूज़ नेटवर्क