लाल किले को गिरवीं रखना राष्ट्रीय अपराध - सोशलिस्ट पार्टी
लाल किले को गिरवीं रखना राष्ट्रीय अपराध - सोशलिस्ट पार्टी
लाल किले को गिरवीं रखना राष्ट्रीय अपराध - सोशलिस्ट पार्टी
नई दिल्ली। सोशलिस्ट पार्टी मौजूदा भाजपा सरकार के लाल किले को डालमिया घराने के पास गिरवीं रखने के फैसले को राष्ट्र के प्रति अपराध मानती है. पार्टी सरकार के इस फैसले का विरोध करती है
पार्टी अध्यक्ष डॉ. प्रेम सिंह ने इस मामले में देश के नागरिकों के सामने चार बिंदु विचार के लिए रखे हैं :
1. देश के बेशकीमती संसाधनों - जल, जंगल, ज़मीन - के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, सेना, रेलवे आदि को प्राइवेट हाथों में बेचना है तो देश में सरकारों की क्या ज़रुरत और भूमिका रह जाती है? क्या सरकारें महज़ भ्रष्ट तरीकों से इकठ्ठा किये अकूत धन के बल पर चुनाव लड़ने और जीत कर मेहनतकश जनता की गाढ़ी कमाई से कार्यकाल के दौरान और उसके बाद सुविधाएं भोगने के लिए हैं?
2. राष्ट्रीय धरोहरों को बेचने के खिलाफ निर्णायक आवाज़ उठाने वाला विपक्ष क्या देश में नहीं है? क्या सत्तासीन और सत्ताकांक्षी राजनीतिक दलों के बीच निजीकरण और कारपोरेट घरानों के पक्ष में अंदरखाने सहमति है? वरना क्यों राष्ट्रीय संपत्तियों और धरोहरों को बेचने पर वे खोखली बयानबाज़ी भर करके चुप बैठ जाते हैं?
3. आज मज़दूर दिवस के अवसर पर सोशलिस्ट पार्टी बताना कहना चाहती है कि चंद कारपोरेट घरानों के पास जमा अकूत धन-दौलत मेहनतकश जनता के श्रम की लूट और नेताओं/नौकरशाहों के साथ मिल कर किये गए भ्रष्टाचार की देन है.
4. सोशलिस्ट पार्टी चूंकि मतदाताओं को झूठे वादों और साम्प्रदायिक-जातिवादी एजंडे के आधार पर लुभाने का काम नहीं करती, चुनावों में लोकप्रिय नहीं हो पाती. लिहाज़ा, सरकारों के इस तरह के फैसलों का निर्णायक विरोध करने की उसकी राजनीतिक ताकत नहीं है. सोशलिस्ट पार्टी ने सरकार के इस फैसले के विरोध में 3 मई 2018 को गाँधी समाधि राजघाट पर शाम बजे सांकेतिक धरना करने का निर्णय किया है. धरने में वे सभी भारतीय नागरिक सादर आमंत्रित हैं जो देश की राष्ट्रीय धरोहर पर गर्व करते हैं और सरकार के निर्णय के खिलाफ हैं.
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