लोकतंत्र खतरे में है, भेड़िये का मुखौटा धीरे-धीरे उतर रहा है, बागों में बहार है
लोकतंत्र खतरे में है, भेड़िये का मुखौटा धीरे-धीरे उतर रहा है, बागों में बहार है
लोकतंत्र खतरे में है, भेड़िये का मुखौटा धीरे-धीरे उतर रहा है
पिटाई की सरकार है, बागों में बहार है, मोदी साहब की सरकार है
रणधीर सिंह सुमन
'बागों में बहार है, मोदी साहब की सरकार है'।
वास्तव में बहार है। नजीब अहमद की माँ तथा छात्रों को अभी-अभी इंडिया गेट पर दिल्ली पुलिस द्वारा पीटा गया है और बसों में भरकर कहीं ले जाया जा रहा है।
खबर के मुताबिक नजीब की मां को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
चीन और पकिस्तान के सामने सरकार द्वारा शौर्य प्रदर्शन के बाद अब सरकार की नाक की बाल पुलिस दिल्ली पुलिस जो नजीब को पता लगाने में असमर्थ साबित हो चुकी है। वही पुलिस इंडिया गेट पर नजीब की माँ तथा छात्रों पर शौर्य प्रदर्शन कर रही थी।
14 अक्टूबर से जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के फर्स्ट इयर के छात्र नजीब गायब हैं और मुख्य बात यह है कि गायब होने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्रों ने उनकी पिटाई कर दी थी।
दिल्ली पुलिस मुस्लिम नवजवानों को प्रताड़ित करने का काम काफी दिनों से कर रही है और इसका स्पेशल ऑपरेशन सेल मुस्लिम नवजवानों को आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तार करना और तरह-तरह के कहानी किस्से गढ़ने का आदि रहा तो वहीँ दिल्ली पुलिस जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार को फर्जी राष्ट्रद्रोह के मामले में गिरफ्तार करना और फिर उसी की शाह पर न्यायलय के अन्दर गुंडों द्वारा पिटाई उनका बहुचर्चित कारनामा रहा है।
दिल्ली पुलिस नागपुर मुख्यालय पर आश्रित केंद्र सरकार द्वारा संचालित पुलिस है। वर्तमान में यह पुलिस दिल्ली के मुख्यमंत्री को भी हिरासत में रख चुकी है।
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में मुख्यमंत्री की हिरासत का शायद यह पहला मामला था।
केंद्र सरकार के राजनीतिक विरोधियों को विभिन्न केसेस में फंसाने व उत्पीड़न करने का काम करने में ऐसी गुलाम पुलिस शायद कहीं हो।
भोपाल एनकाउंटर, बंसल परिवार को सीबीआई द्वारा आत्महत्या करने के लिए मजबूर करना और फिर एनडीटीवी पर एक दिवसीय प्रतिबन्ध लगाने की कार्यवाई अब यह साबित करने लगी है कि लोकतंत्र खतरे में है और भेड़िये का मुखौटा धीरे-धीरे उतर रहा है तो वहीँ भारत के मुख्य न्यायधीश अपनी दर्द भरी आवाज़ में सरकार के सामने क्या न्यायालयों में ताला लगा दोगे।
न्यायालयों में न्यायधीशों की नीतियां लगभग बंद सी हैं और स्थिति यह हो रही है कि आप न्याय नहीं पा सकते हैं।
वहीँ, नागरिक संगठन 'इन्साफ' के नेता अमीक जामेई ने कहा है कि केंद्र सरकार अघोषित रूप से आपातकाल की तरफ बढ़ रही है।
Delhi: JNU students protest against govt over missing JNU student #NajeebAhmed at Mandir Marg pic.twitter.com/eyYQwBXOsm
— ANI (@ANI_news) November 6, 2016


