रणधीरसिंह सुमन

उत्तर प्रदेश में 46 मंत्रियों के साथ उग्र हिंदुत्व के नेता योगी अजय सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री पद का पदभार संभाल लिया है। आशा की जाती थी अन्य मुद्दों के अलावा किसान के कर्ज माफ़ी की घोषणा की जाएगी, किन्तु किसान कर्जे के सम्बन्ध में या अन्य वादों के सम्बन्ध में कोई भी बात नहीं की गयी है।

वादे चुनाव में मोदी के थे और मोदी प्रधानमंत्री हैं, उत्तर प्रदेश का चुनाव समाप्त हुआ और अब उन्होंने गुजरात सहित अन्य राज्यों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वादों से अब उनका कोई सम्बन्ध नही रह गया है।

वहीँ, योगी साहब के इरादे भी सत्ता मिलते ही बदल गये हैं। अगर कोई दूसरा दल होता और अल्पसंख्यक समुदाय का सदस्य न जीत कर आता और कोई मंत्री उस समुदाय का बनाया जाता तो तुरंत नागपुर मुख्यालय और उसका प्रचारतंत्र मुस्लिम तुष्टिकरण का राग अलापना शुरू हो जाता, लेकिन योगी साहब ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही सबसे पहला काम मुस्लिम तुष्टिकरण के तहत मोहसिन रजा को मंत्रिपद की शपथ दिलाई।

उग्र हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता अजय सिंह बिष्ट उर्फ़ आदित्यनाथ ने विश्व हिंदू परिषद के सम्मेलन में कहा था कि देश के हर मस्जिद में गौरी-गणेश की मूर्ति विराजमान कर देंगे। वे उकसावेपूर्ण बयानबाजी के लिए जाने जाते थे अब उन्होंने सेक्युलर संविधान के तहत शपथ लेकर नया मुखौटा धारण कर लिया है।

गुंडाराज बनाम मंगलराज का नारा देने वाले लोग उच्च आदर्शों और राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ अभियान चलाने वालों ने अब जब मुख्यमंत्री योगी साहब को चुना जिनके ऊपर कई अपराधिक मुक़दमे विचाराधीन हैं तब यह सब लोग पूर्व में कही गयी बातें भूल गये। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ऊपर हत्या सहित सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने समेत 11 अपराधिक मुक़दमे हैं।

गुंडाराज को समाप्त करने का नारा अब सिर्फ जुमला रह गया है।

मोदी के वादे सिर्फ कल्पना मात्र हैं वहीँ मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी साहब के इरादे ओस की बूंदों की तरह से गायब हो गये हैं। जब भी किसी दूसरे दल की सरकार बनेगी तब ये वादे और इरादे पुनर्जीवित होंगे। सिर्फ समाज को विघटन की दिशा में ले जाने के लिए ये वादे और इरादे दिखाई देते हैं। संघ का एजेंडा बहुत धीमी रफ्तार से लागू करने की प्रक्रिया जारी रहेगी जिससे लोग उनके सम्बन्ध में सही बात न जान पाएं।

योगी ने सभी मंत्रियों को 15 दिन के अंदर संपत्ति का ब्योरा देने का निर्देश दिया है। जैसी बातें वे कर रहे हैं जबकि सभी विधायक चुनाव आयोग को अपनी संपत्ति का ब्यौरा दे चुके हैं। विकास का नारा दिया जा रहा है। जनता की आय का विकास होगा या पूंजीपतियों का होगा, बात साफ नहीं की जा रही है। केंद्र सरकार की नीतियों से जनता की आय घटी है और अदानी, अम्बानियों की आय लाखों गुना बढ़ी है।

वर्तमान सरकार कॉर्पोरेट जगत के रुपयों से चुनी गयी है और जिस तरह से कॉर्पोरेट जगत के इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मडिया ने एक छाया जनता की भलाई का दिखाया है उससे जनता का भला नहीं होने जा रहा है। हाँ अब कॉर्पोरेट सेक्टर की लूट बढ़ेगी। बैंक सिर्फ जनता से पैसा जमा कराकर कॉर्पोरेट सेक्टर को देंगे और कॉर्पोरेट सेक्टर उन रुपयों को वापस नहीं करेगा। मजदूर, किसान, मेहनतकश जनता सिर्फ लुटेगी और लुटेगी इसके अतिरिक्त कोई उपलब्धि नही होगी।

बेरोजगारी के सवाल पर सरकार का कोई नजरिया नहीं रहेगा जिससे नवजवानों को रोजगार नही मिलेंगे। कॉर्पोरेट सेक्टर की सेवक सरकार सिर्फ कॉर्पोरेट सेक्टर की ही सेवा करेगी।