वाह रे अखिलेशǃǃ गठबंधन कांग्रेस से तालमेल भाजपा से
वाह रे अखिलेशǃǃ गठबंधन कांग्रेस से तालमेल भाजपा से

मसीहुद्दीन संजरी
राजा भैया, अखिलेश भैया के करीबी और शरीफ इंसान हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा। मूक समर्थन है भाजपा का।
राजा भैया के पिता विश्व हिंदू परिषद के नेता हैं, साम्प्रदायिक हिंसा का आरोप भी है उनके ऊपर, लेकिन अखिलेश भैया बाप और बेटे को अलग-अलग देखते हैं।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ भाजपा ने प्रत्याशी न उतार कर सपा को समर्थन देने का निर्देश जारी किया है अपने समर्थकों को। सिब्गतुल्लाह अंसारी साफ सुथरी छवि के हैं, लेकिन मुखतार अंसारी के भाई हैं उनके खिलाफ सपा के प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया। समाचार है कि वहां सपा अपना समर्थन भाजपा को दे रही है।
मुज़फ्फरनगर की घटना के बाद ये स्पष्ट हो गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार साम्प्रदायिक हिन्दू जनमानस को नाराज़ करने का जोखिम नहीं उठा सकती है. इसीलिए मुज़फ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के सभी आरोपी आज खुले आम घूम रहे हैं। संगीत सोम जिनकी इस हिंसा में संलिप्प्ता को मीडिया ने उजागर किया था और जिनके ऊपर ‘रिहाई मंच’ ने लखनऊ में एक मुकदमा दायर किया था। उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी, बल्कि संगीत सोम के ऊपर से रासुका को भी हटाने का काम सपा सरकार ने किया।
क्या यह मुसलमानों से स्वरोज़गार के अवसर भी छीन लेने की चाल नहीं है? हर चिकित्सा पद्धति की अपनी विशेषताएं है और उनका लाभ तमाम रोगियों को मिलता है। लेकिन ......
अखिलेश सरकार के कार्यकाल में यूपी में एक भी यूनानी मेडिकल कालेज की स्थापना क्यों नहीं की गई?
यूपी के 54 जिलों में 253 यूनानी चिकित्सालयों में नर्स और फार्मेसिस्ट की नियुक्ति किसी भी संस्थान में क्यों नहीं?
यूनानी चिकित्सा पैथी जिसका कोर्स उर्दू भाषा में है उसके नर्स और फारमेसिस्ट के कोर्स से उर्दू को क्यों बाहर किया?
यूनानी चिकित्सा पैथी की 2008 से आज तक कोई भी नियमावली व स्थाई निदेशक क्यों नहीं?
अपने शासनकाल में मुलायम सिंह यादव ने पीसीएस–जे से उर्दू को निकाल दिया था उनके पद चिन्हों पर चलते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 से अखिलेश सरकार ने 3 दिसंबर 2015 को सूचना अधिकार नियमावली 2015 से उर्दू भाषा में आवेदन/अपील देने पर पाबंदी लगा दी। सपा के मुस्लिम नेता मुशाएरों से उर्दू की खिदमत करते हैं और उनकी सरकार उर्दू को दफ्तरों और अदालतों से बाहर करने का काम करती है तो उन्हें इसका पता तक नहीं चल पाता।


