नई दिल्ली, 26 अगस्त: वैज्ञानिकों के काम का सामाजिक महत्व (Social significance of the work of scientists) होने के बावजूद वे अपने शोध कार्यों की उपयोगिता के बारे में समाज को नहीं बता पाते। इसके पीछे वैज्ञानिकों द्वारा उपयोग की जाने वाली जटिल भाषा मुख्य रूप से जिम्मेदार होती है, जो आम लोग आसानी से समझ नहीं पाते। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने ‘शोध की अभिव्यक्ति के लिए लेखन कौशल को प्रोत्साहन’ (अवसर) नामक प्रतियोगिता शुरू की है, जिसका उद्देश्य विज्ञान के छात्रों एवं युवा वैज्ञानिकों को संचारक बनने के लिए प्रोत्साहित करना है।

अवसर प्रतियोगिता के दूसरे संस्करण के अंतर्गत देशभर के युवा वैज्ञानिकों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस प्रतियोगिता में 30 सितंबर 2019 तक प्रविष्टियां भेजी जा सकती हैं।

अवसर क्या है what is AWSAR

अवसर’ एक राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता है, जिसमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े विभिन्न विषयों में पीएचडी या फिर उसके बाद शोध कर रहे शोधार्थियों से उनके शोध विषय पर आधारित आलेख आमंत्रित किए जाते हैं और चयनित सर्वश्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत किया जाता है। युवा वैज्ञानिक हिंदी या अंग्रेजी भाषा में 1000 से 1500 शब्दों में अपने शोध कार्य पर आधारित आलेख लिखकर इस प्रतियोगिता के लिए भेज सकते हैं।

प्रतियोगिता में वैज्ञानिक तथ्यों की सरल शब्दों में प्रस्तुति के लिए सर्वश्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत किया जाता है। पीएचडी शोधार्थियों के लिए प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये, दूसरा पुरस्कार, 50 हजार रुपये और तीसरा पुरस्कार 25 हजार रुपये है। इसके साथ ही, चयनित किए गए 100 पीएचडी शोधार्थियों के लेखों में प्रत्येक को 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी तरह, पोस्ट डॉक्टोरल फेलो वर्ग के तहत एक उत्कृष्ट लेख के लिए एक लाख रुपये और 20 अन्य चयनित प्रविष्टियों के लिए प्रत्येक को 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

प्रतियोगिता के बारे में अधिक जानकारी www.awsar-dst.in पर मिल सकती है।

अवसर में कैसे भाग लें How to participate in AWSAR

प्रविष्टि भेजने के लिए प्रतिभागियों को इस वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करना होगा। प्रतियोगिता के अंतर्गत मिली प्रविष्टियों का मूल्यांकन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गठित वैज्ञानिकों और विज्ञान संचारकों की टीम द्वारा द्वारा किया जाएगा। पीएचडी और पोस्ट डॉक्टोरल, दोनों वर्गों के अंतर्गत चयनित युवा शोधार्थियों को अगले वर्ष 28 फरवरी को प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम में ये पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

पिछले वर्ष इस प्रतियोगिता में तीन हजार से अधिक प्रविष्टियां मिली थीं। इनमें से पीएचडी वर्ग में यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई के आशीष श्रीवास्तव को प्रथम पुरस्कार, आईआईटी-मद्रास के अजय कुमार को द्वितीय पुरस्कार और केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोलकाता की युवा शोधार्थी नबनीता चक्रबर्ती को तृतीय पुरस्कार मिला था। जबकि, पोस्ट डॉक्टोरल वर्ग में सर्वश्रेष्ठ लेखन के एक लाख रुपये का पुरस्कार मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की डॉ पॉलोमी सांघवी को दिया गया था।

राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी संचार परिषद (National National Council for Science and Technology Communication) की पहल पर अवसर’ प्रतियोगिता की शुरुआत 24 जनवरी 2018 को की गई थी। इसका उद्देश्य अखबारों, पत्रिकाओं, ब्लॉग्स, सोशल मीडिया के जरिये युवा वैज्ञानिकों की क्षमता का उपयोग विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए करना है।

उमाशंकर मिश्र

(इंडिया साइंस वायर)