संघ का बिना नाम लिये अशोक गहलौत का आरोप- लोकसभा चुनाव में फिर धाँधली हो सकती है
अंबरीश कुमार
जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलौत को आशंका है कि विधान सभा चुनाव की तरह राजस्थान में लोकसभा चुनाव में भी कुछ ताकते धांधली कर सकते है। गहलौत ने यह बात जनादेश से बात करते हुये कही। उन्होंने जो संकेत दिया उससे चुनाव में संघ परिवार की भूमिका साफ़ नजर आ रही है। गौरतलब है कि भाकपा के राज्य सचिव तारा सिंह सिद्धू ने तो साफ़ आरोप लगाया कि विधान सभा चुनाव में संघ परिवार के कार्यकर्ताओं ने राजस्थान में बड़े पैमाने पर धाँधली की। घर घर मतदान की पर्चियाँ पहुँचाने का जिम्मा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का था जिसे संघ ने अप्रत्यक्ष तरीके से अपने हाथ में लेकर विधान सभा चुनाव में धाँधली की। इस मुद्दे के साथ ही कुछ अन्य मुद्दों पर अशोक गहलौत से जो बातचीत हुयी उसके कुछ अंश।
- राजस्थान विधान सभा के चुनाव नतीजों को लेकर बहुत से लोगों को हैरानी थी और यह भी आरोप है कि कुछ धाँधली भी हुयी है ?
= धाँधली तो हुयी है और यह दो स्तर पर नजर आती है। मतदान की जो पर्चियाँ बाँटी गयी उसमें पहचान की जाँच में फोटोकॉपी को भी मान्य कर दिया गया जिसका मुख्य विपक्षी दल ने बेजा फायदा उठाया। दूसरे मेरा साफ़ कहना है कि ईवीएम मशीनों का मतदान में दुरूपयोग भी किया गया है और ऐसी कई शिकायते मिली हैं। इसका समाधान निकालना होगा। विश्व के कई विकसित देशों में पहले इन मशीनों का इस्तेमाल हुआ और फिर धाँधली का पता चलने पर इसे वापस कर दिया गया या उसके साथ ही एक स्लिप वाली व्यवस्था की गयी ताकि कोई गड़बड़ होने पर चेक किया जा सके। चुनाव आयोग को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और ईवीएम मशीन के साथ ऐसी ही कोई पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए।
- क्या इसी वजह से कांग्रेस और भाजपा के मतों में भारी अंतर आया ?
= हाँ, एक वजह यह भी हो सकती है। पर इसके साथ और भी कई वजह है।
- अन्य वजह क्या हो सकती है ?
= भाजपा ने सरकार की उपलब्धियों का इतना नकारात्मक दुष्प्रचार किया कि लोग भ्रमित हो गये।
- ऐसी उपलब्धियाँ क्या रहीं जिससे आपको काफी भरोसा था ?
= हमने तो बहुत से ऐसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण काम किया जो अन्य राज्यों में नहीं मिलेगा। राजस्थान में आम आदमी का इलाज ही नहीं हर तरह के मेडिकल टेस्ट मुफ्त कर दिये गये। दवाएं मुफ्त दी गयीं। मवेशियों का इलाज मुफ्त किया गया। मवेशियों के लिये भी मुफ्त दावा का इंतजाम किया। स्वास्थ्य क्षेत्र में यह सब काम काफी महत्वपूर्ण था। इसी तरह गरीब महिलाओं के लिये पेंशन की योजना से लेकर परिवहन की बसों तक में उन्हें विशेष छूट दी गयी। किसानों के लिये ब्याज मुक्त फसल ऋण योजना आदि जैसी बहुत सी योजनाओं कि शुरुआत की गयी यह पहल सभी क्षेत्रों में हुयी। जयपुर में मेट्रो को शुरू किया गया। पर इन सब पर भाजपा का दुष्प्रचार भरी पड़ गया।
- क्या ऐसा नहीं लगता है कि भाजपा के आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान का मुकाबला कांग्रेस उस तेवर में नहीं कर पाई ?
= इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता पर वे अपने अभियान से लोगों को भ्रमित करने में कामयाब रहे यह सच है।
- लोकसभा चुनाव में भी क्या ऐसे ही नतीजे रहेंगे ?
= साठ दिन में लोगों को काफी फर्क नजर आया है। इसलिये हमारे वोट में जो गिरावट आई थी उसमे बहुत फर्क पड़ सकता है।
- आपके समय में जो दंगा हुआ उसे भी चुनावी मुद्दा बनाया गया ?
= उसे दंगा नहीं कहना चाहिए वह एक हिंसक घटना थी जो शाम को हुयी और सुबह तक उस पर काबू पा लिया गया। कट्टरपंथी ताकतें जो चाहती थीं वह हो नहीं सका और फ़ौरन कड़ी कार्यवाई की गयी।
- आपने बताया कि विकास कि चौतरफा पहल के बावजूद आप हार गये जबकि मोदी विकास के नाम पर ही माहौल बना रहे है।
= यह हो सकता है कि हम आम लोगों तक अपनी बात मजबूती से नहीं पहुँचा पाएं हो। वे तो झूठ बोलकर भी माहौल बना सकते हैं।

जनादेश न्यूज़ नेटवर्क