रतिभान त्रिपाठी

प्रयागराज कुंभ नगर से।

तीर्थराज प्रयाग Titharaj Prayag में मंगलवार से 49 दिन तक चलने वाले कुंभ kumbha का शुभारंभ हो चुका है। शाही स्नान के लिए सबसे पहले संगम तट पर अखाड़ा महानिर्वाणी Akhara Mahanirvani, का जुलूस पहुंचा। अखाड़े के देव भगवान कपिल देव Bhagwan kapil dev तथा नागा संन्यासियों ने अखाड़े की अगुआई की। महानिर्वाणी अखाड़े के बाद श्री पंचायती अटल अखाड़े के संत, आचार्य और महामंडलेश्वर संगम तट पर शाही अंदाज में पहुंचे और तय समय के मुताबिक पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संतों ने सबसे पहले संगम तट पर डुबकी लगाई।

शाही स्नान के लिए श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के संतों का आगमन शुरू हुआ। तय समय के अनुसार अखाड़े का जुलूस सुबह शाही स्नान के लिए श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के संतों का आगमन शुरू हुआ। तय किए गए समय के अनुसार महानिर्वाणी अखाड़े की शोभायात्रा सुबह 5.15 बजे शुरू हो गया। दूधिया रोशनी में नहाये पीपों के पुल की आभा देखते ही बन रही है।

संगम के वे घाट अन्य श्रद्धालुओं से खाली करा दिए गए थे जहां अखाड़ों के साधु-संन्यासियों को शाही स्नान करना है।

प्रथम शाही स्नान के लिए जब महानिर्वाणी अखाड़े के श्री महंत, महंत, आचार्य, रथ, घोड़े, छत्र, चंवर लिए अपनी पूरी भव्यता के साथ संगम की ओर रवाना हुए, तो अलौकिक दृश्य नजर आया।

दूधिया रोशनी में नहाये पीपों के पुल की आभा देखते ही बन रही है। संगम के वे घाट खाली करा दिए गए, जहां संतों का शाही स्नान होना है। प्रथम शाही स्नान के लिए जब श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के श्री महंत, महंत, आचार्य, रथ, घोड़े, छत्र, चंवर लिए अपनी पूरी भव्यता के साथ संगम की ओर रवाना हुए, तो दिव्य दृश्य नजर आया।

महानिर्वाणी के बाद निरंजनी और फिर जूना अखाड़ा शाही स्नान को निकला है। रथ पर सवार आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने सबको आशीर्वाद की मुद्रा में जब अपने हाथ उठाये तो शोभायात्रा में शामिल उनके अखाड़े के संत और श्रद्धालु जयकार करने लगे।

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Launch of kumbha in Titharaj Prayag with Shahi Snan,
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