श्रमजीवी ट्रेन ब्लास्ट केस : इलाहबाद हाई कोर्ट में सुनवाई 6 सितंबर को
श्रमजीवी ट्रेन ब्लास्ट केस : इलाहबाद हाई कोर्ट में सुनवाई 6 सितंबर को
बांग्लादेशी आलमगीर उर्फ़ रोनी और उबैदुर्रहमान को निचली अदालत ने सुनाई है फाँसी की सज़ा
अधिवक्ता फ़रमान अहमद नक़वी करेंगे बचाव में बहस
लखनऊ। बहुचर्चित श्रमजीवी ट्रेन ब्लास्ट केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट में कल यानी 6 सितंबर को सुनवाई होगी। इस केस में बांग्लादेशी आलमगीर उर्फ़ रोनी और उबैदुर्रहमान को निचली अदालत ने फाँसी की सज़ा सुनाई है। अधिवक्ता फ़रमान अहमद नक़वी इस केस में बचाव में बहस करेंगे।
मानवाधिकार कार्यकर्ता असद हयात एडवोकेट ने कहा,
“एक ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट का काम किसी आदमी को इंसाफ दिलाना है जब तक कि वह आखरी अदालत से दोष सिद्ध न हो जाये।“
असद हयात एडवोकेट ने कहा,
“आजकल अनेक अदालतों के फैसले आ रहे हैं जिन में हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट से बरी हो जाते हैं, मगर तब तक 10-,20 साल बर्बाद हो जाते हैं और ये ज़िन्दगी का बेशक़ीमती वक़्त वापस नहीं मिलता।“
असद हयात एडवोकेट कहते हैं,
“जुलाई 30, 2016 को आलमगीर को फांसी की सज़ा का जौनपुर सेशन कोर्ट से एलान हुआ और ये ख़बर अख़बार में पढ़ कर मेरी उत्सुकता इस केस में पैदा हुई। आलमगीर को सरकार की ओर से मुहैय्या जनाब श्याम सुंदर तिवारी साहब को में जौनपुर मिला और केस के बारे में मालूमात की। उन्होंने कहा कि मैं वकील और एक इंसान की हैसियत से कह रहा हूँ कि आलमगीर बेक़सूर है। उनके यह कहने पर मैंने आलमगीर को इन्साफ दिलाने की लड़ाई लड़ने का काम शुरू किया चूँकि फाँसी की सज़ा के ख़िलाफ़ अपील का लिमिटेशन एक माह का ही होता है, लिहाजा अपील दाख़िल हुई। उबैदुर्रहमान को फांसी की सजा का एलान एक माह बाद कोर्ट से हुआ और उसकी अपील भी दाखिल हुई।”
क्या थी घटना
असद हयात ने बताया
“28 जुलाई 2005 को जौनपुर से सुल्तानपुर रूट पर हरिहरपुर रेलवे क्रॉसिंग के नजदीक श्रमजीवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में विस्फोट हुआ। जिसमें 12 यात्रियों की मौत हो गई और 18 घायल हुए।
मामले में रेलवे के गार्ड जाफर अली ने जीआरपी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। 4 अप्रैल 2006 को दिल्ली की स्पेशल सेल ने दो जुड़वां भाईयों को गिरफ्तार कर इस कांड से कथित रूप से पर्दा उठाया।
पुलिस कहानी के अनुसार श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट कांड का खुलासा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एसीपी संजीव यादव ने दो जुड़वां भाईयों मुहीबुल मुस्तकीन और अनीसुल मुरसलीम को गिरफ्तार कर किया था।
पुलिस के मुताबिक दोनों से पूछतांछ के दौरान पता चला कि आतंकी संगठन हूजी के एरिया कमांडर ओबैदुर्रहमान, मो. आलमगीर, हिलालुद्दीन, नफीकुल विश्वास, मो, शरीफ ने फैजाबाद में मारे गए आतंकियों का इंतकाम लेने के लिए ट्रेन में विस्फोट की साजिश रची थी।“
बांग्लादेश में रची गई थी कथित साजिश
असद हयात ने बताया
“अभियोजन के अनुसार श्रमजीवी में बम धमाके के लिए जुलाई 2005 में धमाके से महज कुछ दिन पहले ही राजशाही...बांग्लादेश के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में साजिश रची गई थी।
आरोपियों के पुलिस द्वारा रिकॉर्ड किये गए कथित बयान के मुताबिक बांग्लादेश के एक ब्यूटीपार्लर में साजिश बनाई गई थी।“
असद हयात ने कहा
“मुझे पूरा भरोसा है कि अदालत से न्याय मिलेगा और दोनों बरी होंगे इन्शा अल्लाह।”


