संजरपुर डायरी-बटला हाउस फर्ज़ी मुठभेड़

आज़मगढ़ और रिहाई मंच
मसीहुद्दीन संजरी
19 सितम्बर को ही रात दस बजे तक तारिक शमीम, लईक शेरवानी और संजरपुर गांव के इरफान अहमद को पुलिस ने उठा लिया।
शायद तारिक शमीम को पुलिस ने इस आशंका से उठाया था कि वह उनके लिए कोई मुश्किल खड़ी करेंगे। इससे पहले वह हकीम तारिक मामले में आंदोलन चला चुके थे।

दूसरी तरफ मीडिया की लनतरानी और पुलिस के रवैये से यह आशंका हुई कि कहीं माहौल बना कर गांव पर हमला न करवा दें।
गांव की कमेटी ने रात में निगरानी की व्यवस्था की।
अब से रात भर जाग कर पहरा देना और दिन में पत्रकारों का सामना करना ऊपर से अफवाहों का मुकाबला, रोज़े के दिन आसान हो गए। कब शाम होती पता ही नहीं चलता।
रमज़ान के महीने में चंदा वसूल करने वाले, भीख मांगने वाले हर वक्त मिल जाते थे, लेकिन इस आपाधापी में ध्यान ही नहीं रहा कि अब उनमें से अब कोई भी नहीं था।
एक सप्ताह के सन्नाटे के बाद 26 सितंबर को गांव में सबसे पहले संदीप पाण्डेय आए। उनके साथ जमाते इस्लामी के लोग थे। अभी वह गांव में ही थे कि अतुल कुमार अंजान अपने साथियों के साथ आ गए। शाम को अकबर अहमद डंपी अपनी टीम के साथ पहुंचे साथ में मौलाना आमिर रेशादी भी थे।
इसके बाद तो सिलसिला ही चल पड़ा। लेकिन 1 अक्तूबर को ईद के दिन यह आभास हुआ कि हम अकेले नहीं थे। पूरे जनपद और पड़ोसी जिलों से अपनी सहानुभूति जताने वालों का जन सैलाब संजरपुर में उमड पड़ा।

लोगों में गुस्सा था। राजनीतिक दलों की बेचैनी भी बढ़ गई।
छः अक्तूबर को उलेमा कौंसिल का गठन हो गया और उसने 20 अक्तूबर को आज़मगढ़ में जनसभा किया, जिसमें जनता ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। हालांकि सबसे पहले 24 सितंबर को ही राजीव यादव से मुलाकात हुई थी, लेकिन बहुत कम उम्र होने की वजह से आगन्तुकों में उनकी गिनती ही नहीं हुई। 20-22 साल का नवजवान लेकिन बातें बहुत गंभीर आत्मविश्वास से भरी हुई। यही चीज़ उसकी तरफ खींचती भी थी और संदेह भी पैदा करती थी।
लगातार मुलाकातों के बाद शाहनवाज़ आलम से परिचय हुआ और तय हुआ कि संजरपुर में राष्ट्रीय स्तर का मानवाधिकार जन सम्मेलन किया जाएगा।
16, नवम्बर को जन सम्मेलन हुआ। देश के जाने में मानवाधिकार नेता उसमें शामिल हुए।
प्रतिरोध के दो रास्ते खुल गए एक नए तरह की राजनैतिक का था तो दूसरा मानवाधिकार का। राजीव यादव और शहनवाज़ आलम अब दोनों रिहाई मंच का हिस्सा हैं और उसके संचालन में दोनों की अहम भूमिका है।