छाया राजनीति (शैडो पॉलिटिक्स) का इतिहास मानव इतिहास जितना ही पुराना है। किंतु, इस विषय पर हिंदी में किसी पुस्तक का सर्वथा अभाव है। इस दृष्टिकोण से अनिल राय की पुस्तक शैडो पॉलिटिक्स न सिर्फ एक नए विषय को हिंदी में प्रस्तुत करती है बल्कि इस विषय को कितनी संतुलित दृष्टि से लिखा जाए, इसके भी मानक खड़े करती है। पुस्तक की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि स्वातंत्र्योत्तर भारत की राजनीति में इस प्रकार की स्थिति की बेहद रोचक और पठनीय सामग्री की प्रस्तुति है।

रमाकांत मिश्र

राजनीति भारतीय मानस का अभिन्न अंग है। हमारे दैनिक जीवन में अन्य वस्तुओं और भावों की तरह राजनीति भी समाविष्ट है। ऐसे में किसी एक विचारधारा से प्रभावित होना सहज है। किंतु पुस्तक में लेखकीय दायित्व का निर्वाह करते हुए जिस निस्संगता का परिचय दिया गया है, श्लाघनीय है। यह बहुत स्वाभाविक होता कि लेखक अपनी विचारधारा के अनुसार किसी को छोड़ देता या फिर किसी को निंदित करता। किंतु पूरी पुस्तक में विभिन्न राजनैतिक विचारधाराओं के सत्ताधीशों और उनकी छायाओं का वर्णन करते हुए किसी भी प्रकार के पक्षपात से दूरी रखी गई है। लेखक के तौर पर यह बहुत बड़ी उपलब्धि है औऱ इसी कारण ये पुस्तक हर किसी को समान रूप से स्वीकार्य होगी।

पुस्तक की भाषा सरल, सहज औऱ सटीक है जोकि अपने विषय को संप्रेषित करने में न सिर्फ समर्थ हुई है बल्कि इससे कुछ अन्य निष्कर्ष निकाल लेने का कोई अवसर नहीं देती है। पुस्तक की शैली तथ्यों को विचारों से कुछ इस प्रकार समन्वित करते हुए चलती है कि लगता है कि आप पुस्तक न पढ़ रहे हों बल्कि इस पर कोई चर्चा कर रहे हों।

जैसा कि भूमिका में लिखा गया है, पुस्तक आम जन के लिए है और तथ्यों को यथावत प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में सूचनाएं हैं किंतु उनके विषय में या फिर उनके इतिहास में जाने से बचा गया है। इस प्रकार ये पुस्तक इस विषय में किसी गहन और विस्तृत संवाद की स्थापना नहीं करती। किंतु संभवतः चर्चा का प्रवेश होने से पक्षधरता का भी प्रवेश चाहे या अनचाहे हो सकता था, लेखक ने संभवतः इसी से बचने की कोशिश की है। इस प्रकार ये पुस्तक आपको आधुनिक काल में भारतीय राजनीति में छाया राजनीति की एक असमीक्षित झलक उपलब्ध कराती है।

पुस्तक में भारतीय राजनीति के बारह चिर-परिचित चेहरों को चुना गया है जिसमें प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु से आरंभ होकर वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तक आते हैं। इन बारह शख्सियतों के इस सावधान चयन से राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनो ही स्तरों पर भारतीय राजनीति के स्पदंन को अऩुभव किया जा सकता है जो कि एक जागरूक नागरिक के लिए आवश्यक है।

यह एक ऐसी पुस्तक है जिसमें किसी भी अध्याय को कभी भी पढ़ा जा सकता है किंतु एक बार शुरू करने पर आप वो अध्याय खत्म किए बिना रूक नहीं सकते और उस अध्याय के खत्म हो जाने के बाद दूसरा अध्याय पढ़ने की अदम्य अभिलाषा जागृत हो जाती है।

वर्तमान संस्करण आमजन के लिए सर्वथा उपयुक्त है और इस विषय में अधिक जानने की इच्छा उत्पन्न करता है। आशा की जा सकती है कि लेखक अपने विस्तृत अनुभव और शोध से इस पुस्तक का एक कहीं विस्तृत और गहन संस्करण भी लेकर आएंगे जो इस क्षेत्र के शोधार्थियों और जिज्ञासुओं के लिए विषय का सम्यक परिचय समझी जा सकेगी।

किताब - शैडो पॉलिटिक्स

लेखक – अनिल राय

प्रकाशक – रीडिंग रूम्स

मूल्य – 225/-

(रमाकांत मिश्र पारिस्थितिकी आधारित थ्रिलर उपन्यासकार और लेखक हैं तथा भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद में सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।)

लेखक के बारे में - अनिल राय का पत्रकारिता में 16 साल का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत 2002 में प्रशिक्षु रिपोर्टर के रूप में शुरू की थी। इसके पश्चात उन्होंने सहारा इंडिया टेलीविजन नेटवर्क में प्रशिक्षु के रूप में शुरुआत की और आगे बढ़ते हुए पहले समय यूपी/उत्तराखंड चैनल के प्रमुख और फिर सहारा न्यूज ब्यूरो के कार्यकारी निदेशक एवं प्रमुख की जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। 2015 में उन्होंने न्यूज वर्ल्ड इंडिया चैनल में कार्यकारी निदेशक एवं प्रोग्रामिंग प्रमुख के रूप में शुरूआत की और एक साल बाद ही उन्हें चैनल के प्रबंध संपादक की जिम्मेदारी दे दी गई। वर्तमान में वे नेटवर्क 18 में एडिटर-स्पेशल प्रोजेक्ट के पद पर कार्यरत हैं।