Due to the anti-farmer policy of the government, farmers are committing suicide in UP

बरेली के किसान शिशुपाल की आत्महत्या के जिम्मेदार जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को बर्खास्त किया जाए

लखनऊ। रिहाई मंच ने आरोप लगाया है कि अखिलेश सरकार की किसान विरोधी नीति के चलते उप्र में किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

रिहाई मंच के नेता अनिल यादव ने कहा है कि प्रदेश में कई चरणों में हो रही बेमौसम बारिश के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को राहत के लिए मुआबजा वितरण में आपराधिक हीला हवाली की जा रही है। इस हीलाहवाली के कारण किसानों की आत्महत्या का सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि बरेली के भमोरा क्षेत्र के मिवक मझारा गांव के किसान शिशुपाल सिंह ने 15 साल पहले खादी ग्रामोद्योग से 33 हजार रुपया लोन लिया था। इस अवधि में उसने 74 हजार रुपया ब्याज के तौर पर चुकाया, लेकिन मूलधन खत्म नहीं हो सका। मामला प्रमुख सचिव तक पहुंचा लेकिन शिशुपाल को कोई राहत नहीं मिली। इस बीच बारिश होने पर शिशुपाल ने जहर खा कर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के पहले मृत किसान ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया था।

अनिल यादव ने किसान की आत्महत्या प्रकरण में मृत किसान के परिजनों को 20 लाख रुपए मुआवजा की मांग करते हुए, बरेली के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को बर्खास्त करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।