सरकार लोकपाल को नहीं ला पाई तो रामपाल को ले आयी
सरकार लोकपाल को नहीं ला पाई तो रामपाल को ले आयी
आओ रामपालो ! मोदी और अदानी को मदद करो
सरकार लोकपाल को नहीं ला पाई तो रामपाल को ले आयी। बरवाला का इस बड़बोला से गहरा नाता है। प्रशासन पर रामपाल का आक्रमण और मोदी का विदेश भ्रमण का इंटर- कनेक्शन है।
अमूमन मोदी डंका नहीं बजाते। हाँ, उनका डंका हर जगह अवश्य बजता है। इस डंके की आवाज इतनी तेज होती है कि हर आवाज दब सी जाती है।
सभी चैनल मोदी को लाईव रखने के लिए अपने स्क्रीन को साफ़ सुथरा करने में लग जाते हैं। अखबार के पन्ने खाली रखे जाते हैं माननीय प्रधान सेवक के लिए ?
पर रामपाल में मीडिया यूँ ही नहीं उलझी रही। जबकि रामपाल को रामपाल बनाया गया है।
रामपाल के पीछे का सच है - मोदी और अदानी की नजदीकियां! मोदी को पीएम बनाने की कीमत की वसूली। राष्ट्र- हित को दांव पर लगाकर अदानी- समूह को फायदा पहुँचाने के लिए विदेश दौरा करना। रामपाल के शोर में मोदी अपने अपराध को ढँकने की फ़िराक में थे। देश रामपाल में उलझा रहे और इधर मोदी-अदानी मिशन पूरा हो जाय।
मोदी देश के लिए नहीं बल्कि अदानी को ठेका दिलाने के लिए विदेश गए थे।
गौतम अदानी आस्ट्रेलिया में कोयला खोदेंगें और उससे सस्ती बिजली बनाकर भारत को देंगें?
एक तरफ गोयल कह रहे हैं कि भारत में कोयले की कोई कमी नहीं है। कोयले के आयात को बंद करने की घोषणा भी की गयी। जन-धन-योजना का पैसा छह हजार दो सौ करोड़ लोन के रूप में दान देगी सरकार। गरीबों के इस पैसे के बल पर अदानी आस्ट्रेलिया में अपना खनन कारोबार चलायेंगें।
मोदी एसबीआई के चेयरमेन को सामने बुलाकर अदानी को लोन देने का आदेश करवा रहे हैं। एसबीआई के चेयरमेन ने कहा कि इस लोन को स्वीकृत कराने के लिए बोर्ड के समक्ष जल्द रखा जायेगा।
मोदी राष्ट्र-धन को अदानी पर लुटा रहे हैं। मोदी कार्पोरेट को बेलगाम बनाने पर तुले हैं। यह सारा काम सरकार हो-हंगामा के बीच कर लेना चाहती थी। सरकार जिस रास्ते पर आगे बढ़ रही है वहाँ रोज एक रामपाल की जरूरत होगी।
गोधरा के वक्त भी सरकार जन विरोधी फैसला ले रही थी। बाजार और सर्मायेदार को लाभ देने के लिए देश में खूनी होली खेली जा रही थी।
रामपाल राज्य का एक स्थाई तत्व है। युद्ध और दंगा भी थोपा जा सकता है देश में।
वैसे कांग्रेस भी कल वही कर रही थी जो टाटा बिड़ला कहते थे। आज मोदी टाटा के बदले अदानी की बात कर रहे हैं ?
यही स्थिति थी उस वक्त जब वैश्वीकरण की प्रक्रिया को आगे लाने के लिए देश को मंडल-कमंडल में उलझाया गया था। आज भी कुछ परिस्थिति वैसी ही है। आओ रामपालो मोदी अदानी को साथ दो। अपनी जमीन एक रूपये वर्ग मीटर के दर से इन्हें सौंप दो। तुम गरीबों रामपाल रामपाल खेलते रहो। केवल रामनाम सत्य होना ही बाकी है।
O- बाबा विजयेंद्र


