सादगी की बेहतरीन मिसाल थे अनुपम मिश्र
अनुपम मिश्र का जाना एक और गांधी युग का अंत
ललित सुरजन

प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक, विचारक और लेखक अनुपम मिश्र जी का आज प्रातः निधन हो गया। पिछले कुछ समय से वे कैंसर से पीड़ित थे। आज भी खरे है तालाब से लेकर अनेक किताबों के लेखक, संपादक और पानी पर्यावरण बचाने के लिए उनके कामों और विचारों को याद रखा जाएगा।

ललित सुरजन देशबंधु पत्र समूह के प्रधान संपादक हैं. वे 1961 से एक पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं. वे एक जाने माने कवि व लेखक हैं. ललित सुरजन स्वयं को एक सामाजिक कार्यकर्ता मानते हैं तथा साहित्य, शिक्षा, पर्यावरण, सांप्रदायिक सद्भाव व विश्व शांति से सम्बंधित विविध कार्यों में उनकी गहरी संलग्नता है. यह आलेख देशबन्धु से साभार लिया गया है।

भवानी भाई के बेटे और होशंगाबाद के पास जन्मे अनुपम जी सादगी की बेहतरीन मिसाल थे, गांधीवादी व्यक्ति का चले जाना एक और गांधी युग का अंत है। बिरले लोगों में से एक अनुपम जी हमेशा याद रहेंगे।
नमन और श्रद्धांजलि।