सूडान में गृह युद्ध बढ़ने से हजारों लोग विस्थापित
Thousands of people displaced as war escalates in Sudan. संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों का कहना है कि सूडान में बर्बर गृहयुद्ध के कारण लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं

Thousands of people displaced as war escalates in Sudan
सूडान: युद्ध का बढ़ता दायरा, हज़ारों लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर
संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों का कहना है कि सूडान में बर्बर गृहयुद्ध के कारण लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं. युद्ध की आंच राजधानी ख़ारतूम के दक्षिण में स्थित सिन्जा शहर तक पहुँच गई है, जहाँ 55 हज़ार से अधिक लोग अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर भाग गए हैं.
सूडान से भागकर अन्य देशों में शरण लेने वाले लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिए, यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने अपनी अपील बढ़ाकर उसे 1.5 अरब डॉलर कर दिया है.
इस धनराशि के ज़रिये, हिंसा के कारण विस्थापित होने वाले 33 लाख लोगों तक अगले छह महीनों के लिए सहायता व संरक्षण सेवा पहुँचाना सम्भव होगा. बड़ी संक्या में लोग फ़िलहाल अकाल के जोखिम का सामना कर रहे हैं.
सूडान में क़रीब 14 महीने पहले परस्पर विरोधी सैन्य बलों, सूडानी सशस्त्र सेना और अर्द्धसैनिक बल (RSF) के बीच लड़ाई भड़की, जिसकी वजह देश को लोकतंत्र की दिशा में बढ़ाने से जुड़ी प्रक्रिया में पसरा तनाव था.
यूएन शरणार्थी संगठन का कहना है कि हर दिन, बर्बर हिंसा और दुर्व्यवहार, मौत, सेवाओं में व्यवधान, मानवीय सहायता की सीमित सुलभता के कारण हज़ारों लोग देश छोड़कर जा रहे हैं.
लूटपाट व अराजकता
मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन समन्वय कार्यालय (OCHA) ने भी इन चिन्ताओं को दोहराते हुए कहा कि, दक्षिणपूर्व में स्थित सेन्नान प्रान्त के सिन्जा में झड़पों के कारण हज़ारों लोग विस्थापित हो चुके हैं.
बताया गया है कि हथियारबन्द लोगों ने घरों, दुकानों व सरकारी इमारतों में लूटपाट की है. वहीं अबू हुजार और अद दाली में भी असुरक्षा की ख़बरें हैं और हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोग अब पड़ोसी प्रान्त, गेदारेफ़ की ओर बढ़ रहे हैं.
इस पृष्ठभूमि में, यूएन एजेंसी के साझेदार संगठन, सिन्जा में लड़ाई के कारण विस्थापित हुए लोगों के गेदारेफ़ पहुँचने की तैयारी में जुट गए हैं, और भोजन व पोषण सेवा की व्यवस्था की जा रही है.
रसद में कटौती
अतिरिक्त धनराशि के ज़रिये, यूएन शरणार्थी संगठन की योजना मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, चाड, मिस्र, इथियोपिया, लीबिया, दक्षिण सूडान और युगांडा में शरणार्थियों व मेज़बान समुदायों के लिए सहायता बढ़ाना है.
मगर, फ़िलहाल प्रस्तावित धनराशि में से केवल 19 फ़ीसदी का ही प्रबन्ध हो पाया है, और इस वजह से ज़रूरतमन्दों के लिए खाद्य रसद में कटौती करने का निर्णय लिया जा सकता है.
मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में 24 हज़ार शरणार्थियों के पास किसी भी प्रकार से कोई मानवीय सहायता उपलब्ध नहीं है, जबकि हाल ही में चाड पहुँचने वाले एक लाख 80 हज़ार लोग अब भी सीमावर्ती इलाक़ों से अन्य जगह भेजे जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
मिस्र में, क़रीब 75 हज़ार शरणार्थी बच्चों का स्कूल में पंजीकरण नहीं हुआ है. दक्षिण सूडान के शरणार्थी शिविरों में भी भारी भीड़ है.
सूडान में सवा वर्ष पहले हिंसक टकराव भड़कने के बाद से अब तक, एक करोड़ लोग अपना घर छोड़कर जा चुके हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में लोग, सुरक्षा की तलाश में कई बार विस्थापन का शिकार हुए हैं.
20 लाख लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण ली है और 77 लाख देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित हुए हैं.
(स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार)
As fighting rages in Sudan, refugee aid efforts are expanding to include new arrivals in Libya and Uganda.
Humanitarian partners now need $1.5 billion to assist and protect 3.3M people forced to flee and local communities in 7 countries.
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