Attacks on people of UP Bihar: It is a matter of shame for Gujarat that has the Statue of Unity - Mevani

"यह मुल्क सबका है - मेवाणी"

अहमदाबाद, 08 अक्तूबर। 14 माह की बच्ची का बलात्कार के बाद यूपी बिहार के लोगों को गुजरात से पलायन करने पर मजबूर करने हेतु किए जा रहे प्रांतवाद पर राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के कन्वीनर और वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा है कि जिस गुजरात में भाजपा सरकार स्टेच्यू ऑफ यूनिटी खड़ा कर रही है वहीं हमारे देश की एकता और अखण्डता तो तहस नहस करने की चाहत रखने वाले कुछ प्रांतवादी लोग यूपी-एमपी और बिहार के भाई बहनों पर हमला बोल रहे हैं। गुजरात से निकली प्रांत वाद की आग आगे फैले उसके पहले ही उसे रोक देना चाहिए।

एक बयान में मेवाणी ने कहा कि पिछले दिन गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मत नगर में 14 माह की एक बच्ची पर बलात्कार किया गया। स्वाभाविक है कि इस घटना के गहरे प्रत्याघात पड़े। बलात्कार का इल्जाम है बिहार के शख्स पर।

उन्होंने कहा कि हमारा स्पष्ट मानना है कि 14 माह की बच्ची पर कहर बरसाने वाले बलात्कारियों को निर्विवाद रूप से सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, लेकिन नालियाकांड की रिपोर्ट दबा कर बैठी भाजपा सरकार के बजाय प्रांतवादी मानसिकता से पीड़ित कुछ लोग अपना गुस्सा यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश के गरीब मज़दूरों पर निकाल रहे हैं, जो बेहद शर्मनाक है।

श्री मेवाणी ने कहा कि यह सुनकर माथा घूम रहा है कि आज लगातार चौथे दिन यूपी और बिहार के मजदूरों पर हमला किया गया है और बिगड़ते हालात देखकर यह प्रवासी मजदूर अपने बोरियां बिस्तर बांध कर अपने-अपने वतन वापस लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात के लिए यह एक शर्म का विषय है।

वडगाम विधायक ने कहा कि प्रांतवाद का बीज बोने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। मैं आज ही इस मामलें में गुजरात के डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी और देश के होम मिनिस्टर राजनाथसिंह की ऑफिस में बात करुंगा कि वे तुरंत मामले में हस्तक्षेप करें। मैं यह भी मांग करने वाला हूं कि पूरे मामले में बलात्कार के आरोपी के साथ साथ जिन प्रांतवादी गुंडों ने इन प्रवासी मजदूरों पे हमलें किए हैं, उनके खिलाफ भी सख्त करवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार, यूपी और मध्यप्रदेश की सरकारों को भी गुजरात के मुख्यमंत्री से इस मामले में रिपोर्ट मांगना चाहिए।

श्री मेवाणी ने कहा कि किसी भी जाति या धर्म की महिला या बच्ची के साथ यह हरकत नहीं होनी चाहिए, किसी कीमत पर नहीं। यदि इस प्रकार की कोई वारदात होती है तो उसके खिलाफ सख्त करवाई होनी चाहिए, लेकिन कसूरवार की जाति खोज निकालकर उसके समाज के लोगों को टार्गेट करना हरगिज़ नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि जिन यूपी, बिहार और एम.पी. के मजूदरों पर गुस्सा निकाल कर उन्हें भगाया जा रहा है, वे मजदूर गुजरात के और पूरे देश के अर्थतंत्र में बड़ा योगदान देते हैं। ये वही मजदूर हैं जो निर्माण मजदूर के तौर पे अहमदाबाद में फ्लाई ओवर खड़े करते हैं और तपती धूप में ईंटों के भट्ठों में पसीना बहाकर निर्माण के लिए ईंटें पैदा करते हैं। ये वही मजदूर हैं जिनके खून पसीने से गुजरात के कारखाने चलते हैं और जिनकी मेहनत से गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय की दीवारों पर रंग रोगन होता है।

उन्होंने कहा कि प्रांतवादी मानसिकता से चलते इस प्रकार इन प्रवासी मजदूरों को खदेड़ देना गुजरात की संस्कृति कभी नहीं रही। गुजरात के लाखों लोग आज काम धंधे के लिए मुम्बई में और USA में रहते हैं। वहां सालों से काम करते हैं, छोटे बड़े बिज़नेस करते हैं। कल को यदि हमारे इन गुजराती भाई बहनों को पर प्रांतीय या विदेशी बताकर अपने बच्चों और सामान के साथ वहां से खदेड़ दिया तो हम गुजरातवासियों को कैसा लगेगा ?

उन्होंने सवाल किया कि भारत माता की जय का नारा लगाने वाले यह लोग एक ही माँ की संतानों में यह भेदभाव खड़ा करेंगे? क्या यह हमारी संस्कृति है ? जब हम 'जन गण मन अधिनायक जय है' गाते हैं, तब क्या हम यह नहीं गाते कि 'पंजाब सिंधु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग' ?

उन्होंने कहा कि हम और हमारा संगठन 'राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच' गुजरात में सालों से रहते और मजदूरी के लिए आए आंतर राज्य प्रवासी मजदूरों पर हो रहे प्रांतवादी उत्पीडन के खिलाफ हैं और इन मजदूरों को आश्वस्त करते हैं कि आप पर हो रहे हर हमले के खिलाफ हम खड़े रहेंगें।

उन्होंने कहा कि

“हम यह भी कहना चाहते है कि लोकल एम्प्लॉयमेंट ( स्थानिक रोजगार ) के नाम पर आंतर राज्य प्रवासी मजदूरों को भगाने के बजाय गुजरात और बिहार दोनों के मजदूरों को ठेका प्रथा के खिलाफ मोर्चा खोलकर मालिक वर्ग और दमनकारी गुजरात की भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष करना चाहिए।

यह मुल्क दलित का भी है, गैर दलित का भी है, हिंदू का भी है मुसलमान का भी है, गुजराती का भी है और बिहारी का भी है।

प्रांतवाद मुर्दाबाद, भारत की विभिन्न संस्कृतियों का समन्वय जिंदाबाद।“

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