स्वाति सिंह के नाम एक पत्र
आदरणीय स्वाति सिंह जी
बलिया, उत्तर प्रदेश
स्वाति सिंह आपका नाम अभी कुछ रोज से लगातार सुन रहा हूं। इससे पहले आपके बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं थी, लेकिन आपके पति को पिछले सोलह साल से जान रहा हूं। जब लखनऊ विवि में कदम रखा था उस समय लखनऊ विवि के बाहुबली छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में दयाशंकर सिंह का नाम हर बच्चा जानता था, हम लोगों के समय छात्र संघ का अध्यक्ष का चुनाव शैलेष सिंह शैलू लड़ रहे थे।
खैर दयाशंकर सिंह से मेरी एक मुलाकात लखनऊ विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष संतोष सिंह के आवास पर हुई। उस वक्त दयाशंकर सिंह को यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मैं उनके जनपद का पड़ोसी हूं, और बोले की कोई भी दिक्कत हो तो बाबू निसंकोच बोलना। इसके बाद दयाशंकर सिंह का नाम विवि के किसी छात्र नेता के मुंह से कभी कतार सुन लेता था।

खैर आप जब उत्तर प्रदेश की राजनीति में हस्तक्षेप कर ही दी है तो इसके लिए आपकों बहुत - बहुत बधाई।
आप खुद सोचिए दयाशंकर के एक बयान के बाद आप मायावती के समानंतर खड़ी हो गई है। आप खुद सोचिए अगर यूपी में विधानसभा चुनाव नहीं होता तो क्या यह मीडिया आपकों इतना स्पेस देता ....कतई नहीं। यह बात आप भी अच्छी तरह से जानती हैं। मीडिया वही बेचता है जो बाजार खरीदता है। हम लोग तो इसी पेशे से जुड़े हुए है। इस दुनिया का क, ख ग सब जान गए और यही लगता है यार कहां आकर फंस गए। आत्मा पर पत्थर रखकर समाज के बीच रहते हैं।
पूरी दुनिया बरसात में भींगती रहती है और एक पत्रकार बरसात में खड़ा होकर दुनिया को मूल्यांकन कीचड़ में खड़ा होकर करता रहता है बिना गहरी नींद सोए। हम लोग सपने में भी खबर ही देखते रहते हैं या खबर पैदा करते हैं या खबरों की आशंका व्यक्त करते रहते हैं।
इस वक्त चार- पांच रोज से मेरे सपने में पूरा उत्तर प्रदेश घूमने लगता है।

ऐसे में कभी मायावती तो कभी मुलायम और कभी आप दिखाई देने लगती हैं।
आप लड़िए बिल्कुल लड़िए मैं आपकी इस लड़ाई में आपके साथ हूं। लेकिन आप अपनी लड़ाई में राजनीति को रत्ती भर भी स्पेस मत दीजिए। आप अपनी इस लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की धर्मपत्नी जसोदा बेन को शामिल कीजिए, अपने आदरणीय नरेन्द्र मोदी से पूछिए कि वह अब तक अपनी पत्नी के साथ कोई न्याय क्यों नहीं किए। आप खुद सोचिए आपके पति एक ऐसी पार्टी से जुड़े हैं और मोदी को अपना आदर्श मानते हैं और उनके आदर्श का एक स्त्री के प्रति ऐसा दोहरा व्यवहार।
आप खुद सोचिए उस पार्टी के लोगों से इससे ज्यादा और क्या उम्मीद की जा सकती है।
खेर मेरा किसी भी पार्टी से कोई लेना- देना नहीं है।

आप उत्तर प्रदेश की राजनति को एक नई दिशा दे सकती हैं।

आप वहां स्त्रियों के हक की लड़ाई को एक नई आवाद दीजिए। फिर देखिए आपकी इस लड़ाई का अंजाम क्या होता है।
आप भी इस बात को अच्छी तरह से जानती हैं कि इस वक्त पूरी राजनीति की कुंजी पुरूषों के पास है। आप तो बहुत भाग्यशाली हैं कि आपको इतना बड़ा प्लेटफार्म मिल गया और आपकी आवाज आज पूरी दुनिया सुन रही है। आप कभी सोची हैं कि नेताओं की अधिकांश पत्नियां आज भी अपनी आवाज दुनिया के सामने नहीं रख पाती हैं। उनकी आवाज तभी सुनाई देती है जब उनके परमेश्वर की कुर्सी पर प्रश्नचिंह लगने वाला होता है।

खैर मीडिया ने आपको एक बड़ा मंच मुहैया कराया है।
मेरा आपसे परम अनुरोध है कि आप मायावती, जसोदाबेन को एक मंच पर लाइए और उत्तर प्रदेश की राजनति में स्त्रियों की आवाज को एक जगह दीजिए।
आप अभी चुनाव मत लड़िएगा। आपके पति को वैसे भी कुछ नहीं होने वाला है। लेकिन आपकी आवाज से बहुत सारी स्त्रियों की आवाज को एक नई जगह जरूर मिल सकती है स्वाति जी।
आपका भाषाई मजदूर अनुज
नीतीश मिश्र