हाशिमपुरा के असल गुनहगार मायावती के खास रहे पूर्व आईपीएस को हथियार बनाकर भाजपा अब बसपा की ही जड़ खोदेगी
हाशिमपुरा के असल गुनहगार मायावती के खास रहे पूर्व आईपीएस को हथियार बनाकर भाजपा अब बसपा की ही जड़ खोदेगी
हाशिमपुरा के असल गुनहगार मायावती के खास रहे पूर्व आईपीएस को हथियार बनाकर भाजपा अब बसपा की ही जड़ खोदेगी
हाशिमपुरा...
अख़बारी ख़बर तो यह हुई कि मेरठ के हाशिमपुरा हत्याकांड में पीएसी के सोलह जवानों को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है..हाशिमपुरा में 22 मई 1987 को पीएसी के जवानों ने वहां मस्जिद के सामने चल रही धार्मिक सभा से मुस्लिम समुदाय के करीब 50 लोगों को जबरन उठा लिया था और उनमें से 42 लोगों को गोलियों से छलनी कर उनके शव नहर में फेंक दिए थे...
अब गैर अख़बारी...आज 31 साल बाद इस फैसले ने कुछ यादें ताजा कर दीं..कि कहीं न कहीं इस हत्याकांड के तार पुलिस के एक बड़े अफसर से भी जुड़े हुए हैं, जिसने पीएसी में कई साल गुजारे और जिसने अपनी अफसरी के कार्यकाल में पीएसी की साम्प्रदायिक सोच को चरम पर पहुंचाया..
जाने-माने पत्रकार उदयन शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में मेरठ के साम्प्रदायिक दंगों में एकपक्षीय कार्यवाही के लिए इस अफसर को और पीएसी को सीधे सीधे जिम्मेदार ठहराया था..
सौ से ज़्यादा अपराधियों को मौत के घाट उतारने वाला यह अफसर फ़ेक एनकाउंटर में हमेशा ही माहिर रहा और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख आतंकवाद के दौरान पीलीभीत जिले में इस रिटायर्ड आईपीएस ने जिले के तत्कालीन एसपी के साथ मिल कर दसियों निर्दोष सिखों को आतंकवादी बता कर उन्हें मरवाया था..
खास बात कि यह अफसर हर दल खास कर मायावती की सरकार का दुलारा रहा और अब भाजपा की सरकार में ऊंचे ओहदे पर है...मायावती को कमजोर करने के लिए उन्हीं के राजदुलारे रिटायर्ड आईपीएस को अपने पाले में कर आगे बढ़ाने का मंसूबा बांधा गया है..
वरिष्ठ पत्रकार राजीव मित्तल की एफबी टिप्पणी
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