हो सकता है छत्तीसिंहपुरा की तरह ही कभी भी शुजात के हत्यारे न पकड़े जाएं
हो सकता है छत्तीसिंहपुरा की तरह ही कभी भी शुजात के हत्यारे न पकड़े जाएं
हो सकता है छत्तीसिंहपुरा की तरह ही कभी भी शुजात के हत्यारे न पकड़े जाएं
उन 36 सिखों के हत्यारों की तरह ही सभी जान रहे होंगे कि शुजात बुखारी का हत्यारा कौन है
style="display:block; text-align:center;"
data-ad-layout="in-article"
data-ad-format="fluid"
data-ad-client="ca-pub-9090898270319268″
data-ad-slot="8763864077″>
मारे जाने से पहले शुजात बुखारी ने कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन पर आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का समर्थन करते हुए अपने ट्विटर पर लिखा "First-ever @UNHumanRights report on #Kashmir calls for #international inquiry into multiple violations". The Rising Kashmir के मुताबिक उन्होंने ऐसा तब लिखा जब दिल्ली के कुछ पत्रकार उन पर biased रिपोर्टिंग का आरोप लगा रहे थे। समझना मुश्किल नहीं है कि पत्रकारों की वो कौन सी जमात है जिसे संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट से नाराजगी है। याद रखना ये भी ज़रूरी है कि मोदी सरकार इस रिपोर्ट से काफी नाराज है। और हां, यह भी भूलना ठीक नहीं होगा कि किसी भी मिलिटेंट संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। जबकि कश्मीर में किसी भी आतंकी घटना की ज़िम्मेदारी लेने की मिलिटेंट संगठनों में आपसी होड़ मची रहती है। बहुत पहले ऐसा ही छत्तीसिंहपुरा जनसंहार में भी हुआ था जब बिल क्लिंटन के भारत आने से ठीक एक पहले 36 सिखों की हत्या अनंतनाग के इस गांव में कर दी गयी थी। उस घटना की भी शुजात बुखारी की हत्या की तरह ही किसी भी मिलिटेंट संगठन ने ज़िम्मेदारी नहीं ली थी। वहीं बिल क्लिंटन ने खुद माना था कि इसके पीछे हिंदुत्वादी संगठनों का हाथ है http://epapertimesofindia.com/Repository/ml.asp…
http://www.theguardian.com/world/2000/mar/22/india.kashmir
और हां, जो लोग इस जनसंहार में बच गए थे उनका ये बयान भी याद रखा जाना चाहिए कि हत्यारे आपस में ना सिर्फ हिंदी में बात कर रहे थे बल्कि एक दूसरे को हिन्दू नामों से संबोधित भी कर रहे थे। http://www.frontline.in/static/html/fl1724/17240210.htm
http://www.frontline.in/static/html/fl1707/17070340.htm
यहां याद रखा जाना यह भी ज़रूरी है कि तत्कालीन वाजपई सरकार ने इसकी CBI जांच कराने से मना कर दिया था।
हो सकता है कि छत्तीसिंहपुरा की तरह ही कभी भी शुजात के हत्यारे न पकड़े जाएं। लेकिन उन 36 सिखों के हत्यारों की तरह ही सभी जान रहे होंगे कि शुजात बुखारी का हत्यारा कौन है।


