हैदराबाद, 31 अगस्त, 2019। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ- All India Bank Employees association (एआईबीईए) ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने के केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman's announcement to merge 10 public sector banks to form four banks) को ‘गलत समय’ पर लिया गया ‘गलत फैसला’ ('Wrong decision' taken at 'wrong time') बताया है।

एआईबीईए के महासचिव वेंकटचलम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों (पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉपोरेशन बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और आंध्र बैंक) के विलय के फैसले की समीक्षा करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, “ इस फैसले का मतलब है कि अब छह बैंक बंद हो जाएंगे। सरकार इसे विलय कह सकती है लेकिन वास्तव में यह छह बैंकों की ‘निर्मम’ हत्या है क्योंकि वर्षों में बने ये छह बैंक विलय के बाद बैंकिंग परिदृश्य से गायब हो जाएंगे।”

वेंकटचलम ने एआईईबीए बैनर तले बैंक कर्मचारियों से छह बैंकों के बंद करने के फैसले का विरोध करने का आह्रान करते हुए कहा, “हम जल्द ही आंदोलन और हड़ताल शुरू करेंगे।”