18 अगस्त के ‘जनसत्ता’ की खबर ‘कई संगठनों ने अन्ना की गिरफ्तारी पर जताया विरोध’ में छपा है, ‘‘सोशलिस्ट पार्टी ने भी ऐलान किया है कि वह जस्टिस राजेंद्र सच्चर के साथ मिल कर हजारे के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी। ... ।’’

इस संदर्भ में निवेदन है कि सोशलिस्ट पार्टी ने अण्णा हजारे की कानूनी सहायता करने की बात नहीं कही है। उनके पास कानूनी सलाहकारों और सहायकों की कमी नहीं है।

मैंने 16 अगस्त की शाम जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है, ‘‘सोशलिस्ट पार्टी की मांग है कि गिरफ्तार किए गए आंदोलनकारियों को तुरंत छोड़ा जाए। जिन हजारों नागरिकों को बसों में भर कर दूर-दराज ले जाकर छोड़ा गया उनकी तकलीफों के लिए सरकार हर्जाना दे। सोशलिस्ट पार्टी जस्टिस राजेंदर सच्चर के साथ मिल कर इस दिशा में आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी।’’

इस बारे में पार्टी एक सूचना निकालने जा रही है कि ऐसे लोग अगर संपर्क करें तो हम दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने और प्रताड़ना सहने वाले नागरिकों को हर्जाने दिलाने की कानूनी कार्रवाई करेंगे। हमें लगता है कि इससे संविधान और नागरिक अधिकार विरोधी सरकार पर दबाव बनेगा और भविष्य के लिए जागरूकता बनाई जा सकेगी।

डॉ. प्रेम सिंह

महासचिव व प्रवक्ता

सोशलिस्ट पार्टी

270-ए, पटपड़गंज

मयूर विहार फेज 1

दिल्ली 110091

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