2014 से 2019 का फरक सबको दिखने लगा, व्हाई मोदी मैटर्स से “इंडिया’स डिवाइडर इन चीफ“ तक का सफर
2014 से 2019 का फरक सबको दिखने लगा, व्हाई मोदी मैटर्स से “इंडिया’स डिवाइडर इन चीफ“ तक का सफर
Why Modi Matters to "India's Divider in Chief" : धर्म-जाति-भाषा और साम्प्रदायिकता फैलाकर मोदी देश को बांटना चाहते हैं
रायपुर,11 मई 2019. मोदी का आचरण (Modi's conduct) देश के लोकतंत्र के लिये नुकसानदायक (Harmful to democracy) है, इसे देश की जनता के साथ-साथ सारी दुनिया महसूस करने लगी है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रजातांत्रिक प्रणाली से चुना गया देश का प्रधानमंत्री ही देश की एकता और अखंडता के लिये बड़ा खतरा बनकर सामने आया है। विश्व की जानी-मानी प्रतिष्ठित मैगजीन टाइम के नवीनतम अंक में मुख्यपृष्ठ में मोदी जी की तस्वीर प्रकाशित की गई। मोदी के चेहरे के ठीक बगल में लिखा है “इंडिया’स डिवाइडर इन चीफ“, इसी टाइम मैगजीन के 2015 के अंत में मोदी मुखपृष्ठ पर थे और टाइम मैगजीन ने लिखा था व्हाई मोदी मैटर्स। इस व्हाई मोदी मैटर्स से “इंडिया’स डिवाइडर इन चीफ“ तक का 5 साल का सफर निरंतर नीचे गिरते जाने का सफर है।
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श्री त्रिवेदी ने कहा कि 5 सालों में 2014 से 2019 तक मोदी की निरंतर बिगड़ती छवि और बदसूरत होते चेहरे तक का सफर एक ही पत्रिका टाइम मैग्जीन के इन दो मुख्य पृष्ठों से स्पष्ट उजागर होता है। मोदी के शासन के ये बरस देश के अवनति की गर्त में ले जाने के 5 बरस है। देश को धर्म, जाति, भाषा और साम्प्रदायिकता की राजनीति के नाम पर बांटने के 5 बरस है।
उन्होंने कहा 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी और भाजपा बेरोजगारों को रोजगार, मंहगाई कम करके न खाउंगा न खाने दूंगा, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, विदेशों से कालाधन वापस लाने, पेट्रोलियम पदार्थो को सस्ता करने की बात की लेकिन 2014 से 2019 तक हुआ ठीक उल्टा। इस साल बेरोजगारी 45 में सर्वोच्च स्तर पर है। नोटबंदी और जीएसटी जैसी नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर टूट गयी। गैस सिलेंडर के दाम चार सौ से बढ़कर एक हजार के पार हो गये। इन पांच सालों में क्रूड आयल के दाम अंर्तराष्ट्रीय बाजार में कम होते रहे और देश में पेट्रोल-डीजल के दाम बेतहाशा बढ़ते गये।
Why Modi Matters to Indias Divider in Chief


