सर्वोच्च न्यायालय का अपमान कर रहे हैं मोदी

मोदी जी आप सर्वोच्च न्यायालय का अपमान कर रहे हैं, उसकी अवमानना कर रहे हैं !

लाल बहादुर सिंह

कल तक आपके दल और परिवार के छुटभैये मंत्री-विधायक - प्रवक्ता-पदाधिकारी सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ आग उगल रहे थे और आप चुप्पी साधे हुए थे, तो लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे। लेकिन आज जब आपने मुंह खोला तो फिर यह साबित हुआ- सबके गुरु मछंदरनाथ !

आप समझ रहे हैं कि सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई टालने का ठीकरा कांग्रेस के सर फोड़कर आप political point score कर रहे हैं, लेकिन दरअसल आप सर्वोच्च न्यायालय के उन माननीय न्यायाधीशों के विवेक पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं जिन्होंने तिथि के सम्बन्ध में फैसला लिया। आप उनकी नैतिकता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं और उन पर सीधे-सीधे आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस से सांठ-गांठ करके अथवा उनके दबाव से डरकर सुनवाई टाल दिया !

गलतबयानी और विरोधाभासों से भरा मोदी का बयान

Modi's statement full of mischief and contradictions... Modi in MP

आपका पूरा बयान गलतबयानी और विरोधाभाषों से भरा हुआ है । आप ने कहा कि महाभियोग की धमकी से न्यायाधीशों को डराया गया, पर महाभियोग की बात तो पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के संदर्भ में हुई थी, अभी सुनवाई टालने का यह फैसला तो नए मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने किया है !

अगर आप की बात मान ली जाय कि सर्वोच्च न्यायालय इसी तरह दबाव और डर में फैसले देता है, तो लोग आप से जानना चाहेंगे कि आखिर यह कैसे हुआ कि ' पप्पू' की पार्टी, आपके प्रिय अमित भाई के शब्दों में 'राहुल बाबा' की पार्टी, वह पार्टी जिससे आपके शब्दों में अब भारत बस मुक्त हुआ ही चाहता है, वह कांग्रेस और उसका वकील जजों पर दबाव बनाने में सफल हो गए, पर आप जो 'दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं', 'दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के सबसे ताकतवर नेता हैं', महाशक्तिशाली ट्रम्प-पुतिन-शिफिंग सबके निजी दोस्त हैं, देश के परम प्रतापी प्रधानमंत्री हैं, अरुण जेटली जैसे 'महाविद्वान' वकील जिसके चाणक्य हैं, जज उसके दबाव में नहीं आये !!!!!

आखिर यह चमत्कार कैसे हुआ ?

अफ़सोस मोदीजी आप जनता को जितना मूर्ख समझते हैं, आपके चंद भक्तों को छोड़कर, लोग उतने तर्क-विवेकहीन हैं नहीं !

आपके चेहरे से नकाब उतर चुका है, आपके मायालोक का अंत निकट है !

कांग्रेस पर political point स्कोर करने के चक्कर में आपने सर्वोच्च न्यायालय का जो अपमान किया है, उसकी अवमानना की है, उसके लिए देश की जनता से माफी मांगेंगे ??????????!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

(लाल बहादुर सिंह, लेखक इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष हैं। )

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