28845
सरकार की छवि बनाना और बचाना ही पत्रकारिता है तो जनसंपर्क विभाग वाले क्या तमाशा देखने के लिए रखे गए हैं?
सरकार की छवि बनाना और बचाना ही पत्रकारिता है तो जनसंपर्क विभाग वाले क्या तमाशा देखने के लिए रखे गए हैं?
ऋषि कुमार सिंह
एक दूरदर्शी पत्रकार ने लिखा है कि जो लोग पत्रकारिता का 'प' भी नहीं जानते, वे तथ्यों से परे नरेटिव गढ़ने की पत्रकारिता कर रहे हैं. लेकिन वे यह नहीं बता रहे कि पत्रकारिता का 'प' जानने वाले उनके जैसे तमाम पत्रकार मौजूदा सरकार से पूछे जाने वाले सवालों को लेकर इतने बेचैन क्यों हैं? क्या पहले की सरकारों का भी वे ऐसे ही बचाव करते थे?
अगर सरकार की छवि बनाना और बचाना ही पत्रकारिता है तो जनसंपर्क विभाग वाले क्या तमाशा देखने के लिए रखे गए हैं? मैंने उक्त वरिष्ठ का नाम डर की वजह से नहीं लिया है. वे पहले एक ऐसी ही बहस के दौरान एक लड़के को देख लेने की धमकी दे चुके हैं. फिलहाल मैंने देखना-दिखाना दोनों छोड़ दिया है.
Next Story


