5 कालिदास मार्ग जाकर औरंगज़ेब के दर्शन भी कर सकते हैं –अमित जानी
5 कालिदास मार्ग जाकर औरंगज़ेब के दर्शन भी कर सकते हैं –अमित जानी
5 कालिदास मार्ग जाकर औरंगज़ेब के दर्शन भी कर सकते हैं –अमित जानी
नेता जी - शिवपाल जी के सम्मान में 8 जनवरी को जनाक्रोश रैली
मेरठ 8 जनवरी ! समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव के बेहद करीबी और उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी 8 जनवरी को विशाल रैली करके नेता जी और शिवपाल यादव को अशिवेशन बुलाकर अपद्धस्थ करने की घोषणा करने वाले रामगोपाल यादव को ललकारेंगे !
मेट्रो प्लाजा स्थित मारवाड़ी भोज में प्रेस वार्ता के दौरान अमित जानी ने कहा कि 8 जनवरी को खिवाई में जनाक्रोश रैली होगी जिसमें नेता जी और शिवपाल यादव जी को अवैध तरीके से पदमुक्त करने वाले रामगोपाल यादव के विरुद्ध आर पार की लड़ाई का ऐलान किया जायेगा!
अमित जानी ने कहा कि केवल मूर्ख ही मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव जी के बिना समाजवादी पार्टी की कल्पना कर सकते हैं। प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव ने अहसान फरामोशी और गद्दारी का परिचय देते हुए सपा सुप्रीमो के खिलाफ साजिश की है।
अमित जानी ने कहा कि रामगोपाल की हैसियत ग्राम प्रधान का चुनाव जीतने की भी नहीं है फिर भी नेता जी ने इनको और इनके पुत्र को संसद में भेजा, राष्ट्रीय स्तर पे सम्मान दिया! उन्होंने कहा कि यादव सिंह के साथ घोटाले में फंसे अपने पुत्र अक्षय यादव को सीबीआई से बचाने के लिए रामगोपाल ने बीजेपी के हाथों संभावित सरकार और समाजवादी पार्टी का सौदा कर लिया है, अक्खड़पन में मुख्यमंत्री भी सही गलत में फर्क नहीं कर पा रहे हैं!
अमित जानी ने कहा कि नेता जी और शिवपाल जी को पद से हटाने वाले समाजवादी नहीं समाजघाती हैं। मुख्यमंत्री और रामगोपाल यादव सहित किरणमय नंदा एवं नरेश अग्रवाल द्वारा जिस तरह नेता जी और शिवपाल यादव का अपमान किया है उससे जनता में भारी आक्रोश है। जनाक्रोश रैली में उमड़ी भीड़ से रामगोपाल यादव को मालूम चल जायेगा कि लोग किसको लीडर मानते है!
उन्होंने कहा कि चंद लफंगों को साथ लेकर जिस तरह समाजवादी पार्टी दफ्तरों पे कब्ज़ा किया जा रहा है उससे ही अंदाज लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री और रामगोपाल, डॉ लोहिया को नहीं बल्कि वीरप्पन या दाऊद को अपना आदर्श मानते है!
उन्होंने कहा कि जिन्होंने औरंगजेब को सिर्फ इतिहास में पढ़ा हो अब वे 5 कालिदास मार्ग जाकर उनके दर्शन भी कर सकते हैं!


