आज है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस
इतिहास के झरोखे से आज का दिन 5 सितंबर, डीबी लाइव के साथ

DBLIVE | 5 September 2016 | Today's History
5 सितंबर भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस यह दिवस मनाया जाता है।
5 सितंबर 1888 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। 1916 में राधाकृष्णन मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त किए गए।
डॉक्टर राधाकृष्णन समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे। उनका मानना था कि शिक्षा के ज़रिए ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है, इसलिए विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए।
शिक्षा के योगदान के लिए राधाकृष्णन को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया था।
हिन्दू पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा को गुरु दिवस के रूप में स्वीकार किया गया है।
विश्व के विभिन्न देश अलग-अलग तारीख़ों में शिक्षक दिवस' को मानते हैं।
भारत में शिक्षक दिवस जहां 5 सितंबर को मनाया जाता है, वहीं 5 अक्टूबर को 'अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस' का आयोजन किया जाता है।

पाकिस्तान के कराची हवाई अड्डे से आज ही अगवा हुआ था बंबई से न्यूयॉर्क जा रहा PAN-AM हवाई जहाज़
5 सितंबर 1986 में बंबई से न्यूयॉर्क जा रहा PAN-AM के एक हवाई जहाज़ को पाकिस्तान के कराची हवाई अड्डे पर अगवाकर लिया गया था। विमान में उस समय 390 यात्री सवार थे।
काफी मशक्कत के बाद पाकिस्तानी फौजी कमांडो यूनिट ने जहाज़ को छुड़ा लिया था, लेकिन जहाज़ पर सैनिकों के पहुंचने से पहले अपहरणकर्ताओं ने लोगों पर गोलियां चलानीं शुरू कर दीं थी, जिसकी वजह से मौके पर ही 17 लोग मारे गए।
मारे गए लोग जहाज़ के आपातकालीन रास्ते से भागने की कोशिश कर रहे थे।
जहाज़ को छुड़ाने की सैनिक कार्रवाई में सभी अपहरणकर्ता जीवित पकड़ लिए गए।
अपहरणकर्ता फ़िलस्तीनी आंदोलनकारियों से ताल्लुक़ रखते थे। 1998 में सभी अपहरणकर्ताओं को फ़ांसी की सज़ा सुनाई गई। बाद में इस सज़ा को उम्रकै़द में बदल दिया गया।

5 सितंबर 1997 में नोबल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा का निधन हुआ था।
मदर टेरेसा रोमन कैथोलिक नन थीं। इन्होंने 18 वर्ष की उम्र में समाजसेवा के लिए घर छोड़ दिया था।
1929 में मदर टेरेसा भारत आईं। सबसे पहले वो दार्जिलिंग रहीं, फिर कोलकाता में रहने लगीं।
1943 में बंगाल में पड़े अकाल से हज़ारों लोगों की मौत हो गई।
इस दौरान मिशनरी के निर्देशों की परवाह किए बिना मदर लोगों की मदद करने में जुट गईं।
1950 में मदर टेरेसा ने कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की।
अपनी आखिरी सांस तक वह जरूरतमंदों, कुष्ठ रोगियों और निर्बलों की देखभाल करती रहीं।
1979 में मदर टेरेसा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
(समाचार और राजनीति)

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