500-1000 के नोट बंद करने से भ्रष्टाचार में बढ़ावा : पैंथर्स
500-1000 के नोट बंद करने से भ्रष्टाचार में बढ़ावा : पैंथर्स
500-1000 के नोट बंद करने से भ्रष्टाचार में बढ़ावा : पैंथर्स
नई दिल्ली 15 नवंबर। दिल्ली प्रदेश नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष राजीव जौली खोसला ने मोदी सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कहा है कि 8 नवम्बर को जनविरोधी ऐतिहासिक फैसला लिया गया, जिसमें 500-1000 के नोट बंद कर दिये, जिससे पूरे भारत में व विश्व में अफरातफरी फैल गयी।
श्री खोसला ने कहा कि भ्रष्टाचार सारे हदें पार कर चुका। आज कुछ बैंक अधिकारी व निचले अधिकारी भी खुलेरूप में पुराने नोट बदलकर नए नोट दे रहे हैं व जिसके एवज में भ्रष्टाचार के रूप में 25-30 प्रतिशत ले रहे हैं व जनता लाइनों में खड़ी परेशान हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकारों ने ए, बी, सी, डी कैटेगरी में विभाजन किया हुआ है। क्या कोई ए, बी कैटेगरी वाला व्यक्ति बैंकों की लाइन में लगा देखा किसी ने, नहीं आज जो मुसीबत का पहाड़ टूटा है वह सी, डी, ई कैटेगरी पर ही टूटा है, ए, बी वाले तो 25-30 प्रतिशत देकर घर बैठे ही पैसे बदला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अफवाहें गरम हैं कि 2000 रुपये के नोटों की पूरे पैकेट लोगों के पास पहुंच गये। इसका मतलब बैंक अधिकारियों द्वारा ही उनके पास नए पैकेट पहुंचे। सरकार चाहे तो उस नोट के नम्बर के आधार पर बैंक अधिकारियों का पता लगाकर उन्हें दंडित कर सकती है, मगर चोर-चोर मौसेरे भाई वाली कहावत बिल्कुल सच है।
पैंथर्स नेता ने कहा कि सरकार को यह अहम कदम उठाने से पहले इस प्रकार के भ्रष्टाचार पर भी सोचना चाहिए। पैंथर्स पार्टी इसकी घोर निंदा करती है व मजदूर, मेहनतकश, ईमानदार भारतीयों ने जो अपने थोड़े-थोड़े जमा कर 1000-500 के नोट जोड़ रखे थे, उनकी तब्दिली करने के लिए कोई योजना बननी चाहिए व जिनके पास बेनामी सम्पति है, उस पर भी विराम लगाना चाहिए।


