सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का टेकडाउन आदेशदिल्ली कोर्ट का अंतरिम आदेश और उसका आधार पत्रकारों और यूट्यूबर्स पर असर रवीश कुमार और अभिसार शर्मा की प्रतिक्रिया प्रशांत भूषण ने इसे बताया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन परंजय गुहा ठाकुरता और अन्य पत्रकारों की कानूनी लड़ाई मीडिया स्वतंत्रता और अनुच्छेद 19(1)(a) पर बहस भारत सरकार ने अडानी एंटरप्राइजेज की आलोचना वाले 138 यूट्यूब वीडियो और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट हटाने का आदेश दिया है। पत्रकारों और क्रिएटर्स ने इसका विरोध जताया है... नई दिल्ली, 17 सितंबर 2025। भारत सरकार ने अदाणी एंटरप्राइजेज पर आलोचनात्मक 138 यूट्यूब वीडियो और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट हटाने का आदेश जारी किया है। यह कदम दिल्ली की एक अदालत के 6 सितंबर को दिए गए अंतरिम आदेश के आधार पर उठाया गया, जिसके बाद कई पत्रकारों और यूट्यूबर्स ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। आज अदाणी वीडियो टेक डाउन दिवस है- रवीश कुमार प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब और इंस्टाग्राम को अडानी एंटरप्राइजेज की आलोचना वाले 138 वीडियो और 83 पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश दिल्ली की एक अदालत द्वारा 6 सितंबर, 2025 को जारी अंतरिम आदेश के आधार पर दिया गया है। यह आदेश अडानी समूह द्वारा पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता और रवि नायर सहित कई पत्रकारों के खिलाफ मानहानि के मामले में दिया गया था। इस आदेश के अनुसार अडानी समूह प्लेटफॉर्म से 36 घंटे के भीतर सामग्री हटाने के लिए एक ब्लैकलिस्ट रख सकता है, जिससे रविश कुमार और ध्रुव राठी जैसे क्रिएटर्स के साथ-साथ व्यंग्य और अन्य सामग्री प्रभावित होगी। प्रतिवादियों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(a)) के उल्लंघन का हवाला देते हुए इस फैसले के खिलाफ अपील की है, जबकि असम में भूमि आवंटन पर रिपोर्टिंग को लेकर गुजरात में एक अलग मानहानि मामले में पत्रकारों अभिसार शर्मा और राजू पारुलेकर को समन भेजा गया है। यूट्यूबर रवीश कुमार ने इस खबर का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- "आज के भारत की #MyModiStory मुझे भी यू ट्यूब ने सूचना भेजी है कि अदाणी पर बने वीडियो ख़ुद हटा लूं या फिर वह हटा देगा। सूचना मंत्रालय ने कई लोगों और संस्थाओं को नोटिस जारी किया है, इनमें न्यूज़लौंड्री, द वायर सहित ध्रुव राठी, अभिसार, अजीत अंजुम, आकाश बनर्जी के वीडियो के भी लिंक हैं। कुल 138 वीडियो हटाए जाने हैं। इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट किए गए वीडियो हटाने होंगे। आज अदाणी वीडियो टेक डाउन दिवस है। अगर कोई यू ट्यूबर इसी पर वीडियो बनाए कि अदाणी पर बने 138 वीडियो टेक डाउन करने के आदेश दिए गए हैं तो क्या उसके वीडियो को भी टेक डाउन किया जाएगा। टेक डाउन का मतलब होता है वीडियो डिलिट करना।" यूट्यूबर अभिसार शर्मा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- "अडानी ग्रुप ने मेरे खिलाफ शो पर मानहानि का आपराधिक मामला दर्ज किया है, जिस पर असम सरकार ने 152, 196 और 197 के तहत केस दर्ज किए हैं... कोर्ट के आदेश के आधार पर मुझे यूट्यूब से वीडियो हटाने का मेल मिला है। इसमें मेरे, ध्रुव, रवीश, आकाश, अजीत अंजुम और दीपक शर्मा के अडानी पर बनाए सभी वीडियो शामिल हैं।" इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने लिखा- "यह टेकडाउन ऑर्डर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन है। मानहानि पर कानून स्पष्ट है। यदि आरोपी यह कहता है कि उसने सच कहा है और वह कथित मानहानिकारक बयानों को सही ठहराना चाहता है, तो अदालत कोई निषेधाज्ञा जारी नहीं कर सकती, और न ही टेकडाउन ऑर्डर।" वरिष्ठ पत्रकार परंजय गुहाठाकुरता ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा - "दोस्तों और शुभचिंतकों, आपके समर्थन और एकजुटता के लिए आप सभी का धन्यवाद। सामान्य परिस्थितियों में, मैं आज दोपहर उत्तर दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा जारी किए गए अंतरिम आदेश के खिलाफ अपनी अपील के दौरान मौजूद होता, लेकिन अफसोस, मैं उस समय कोर्ट में नहीं रह पाऊँगा। कारण: मुझे कल (गुरुवार, 18 सितंबर) सुबह राजस्थान के बारां जिले में अडानी पावर लिमिटेड द्वारा दायर मानहानि के एक अलग मामले में ग्राम न्यायालय में पेश होने के लिए नई दिल्ली से कोटा के लिए ट्रेन लेनी है। यह कोर्ट कोटा से 100 किलोमीटर दूर है। यह मेरी इस कोर्ट में पाँचवीं बार यात्रा होगी। हम तीन लोग, प्रबीर पुरकायस्थ, अभिर् दासगुप्ता और मैं, एक साथ यात्रा कर रहे हैं। आप जानते होंगे कि अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड बनाम परंजय गुहा ठाकुरता और अन्य मामले में, भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने रवीश कुमार, अजीत अंजुम, आकाश बनर्जी (देशभक्त), ध्रुव राठी, द वायर, न्यूजलॉन्ड्री, एचडब्ल्यू न्यूज, न्यू दिल्ली पोस्ट, उल्टा चश्मा जैसे कई पत्रकारों और मीडिया संगठनों को उनके सोशल मीडिया अकाउंट से अडानी से संबंधित सामग्री हटाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश यूट्यूब और एक्स (ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी भेजा गया है। आपके समर्थन के लिए फिर से धन्यवाद।" इस टेकडाउन आदेश को लेकर अब अदालतों में कानूनी लड़ाई तेज़ हो रही है। पत्रकारों और कंटेंट क्रिएटर्स का कहना है कि यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों और मीडिया स्वतंत्रता पर गहरी चोट है, जबकि अडानी समूह इसे मानहानि से बचाव का औचित्यपूर्ण कदम मान रहा है। अब देखना होगा कि उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का टेकडाउन आदेशदिल्ली कोर्ट का अंतरिम आदेश और उसका आधार पत्रकारों और यूट्यूबर्स पर असर रवीश कुमार और अभिसार शर्मा की प्रतिक्रिया प्रशांत भूषण ने इसे बताया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन परंजय गुहा ठाकुरता और अन्य पत्रकारों की कानूनी लड़ाई मीडिया स्वतंत्रता और अनुच्छेद 19(1)(a) पर बहस भारत सरकार ने अडानी एंटरप्राइजेज की आलोचना वाले 138 यूट्यूब वीडियो और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट हटाने का आदेश दिया है। पत्रकारों और क्रिएटर्स ने इसका विरोध जताया है... नई दिल्ली, 17 सितंबर 2025। भारत सरकार ने अदाणी एंटरप्राइजेज पर आलोचनात्मक 138 यूट्यूब वीडियो और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट हटाने का आदेश जारी किया है। यह कदम दिल्ली की एक अदालत के 6 सितंबर को दिए गए अंतरिम आदेश के आधार पर उठाया गया, जिसके बाद कई पत्रकारों और यूट्यूबर्स ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। आज अदाणी वीडियो टेक डाउन दिवस है- रवीश कुमार प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब और इंस्टाग्राम को अडानी एंटरप्राइजेज की आलोचना वाले 138 वीडियो और 83 पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश दिल्ली की एक अदालत द्वारा 6 सितंबर, 2025 को जारी अंतरिम आदेश के आधार पर दिया गया है। यह आदेश अडानी समूह द्वारा पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता और रवि नायर सहित कई पत्रकारों के खिलाफ मानहानि के मामले में दिया गया था। इस आदेश के अनुसार अडानी समूह प्लेटफॉर्म से 36 घंटे के भीतर सामग्री हटाने के लिए एक ब्लैकलिस्ट रख सकता है, जिससे रविश कुमार और ध्रुव राठी जैसे क्रिएटर्स के साथ-साथ व्यंग्य और अन्य सामग्री प्रभावित होगी। प्रतिवादियों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(a)) के उल्लंघन का हवाला देते हुए इस फैसले के खिलाफ अपील की है, जबकि असम में भूमि आवंटन पर रिपोर्टिंग को लेकर गुजरात में एक अलग मानहानि मामले में पत्रकारों अभिसार शर्मा और राजू पारुलेकर को समन भेजा गया है। यूट्यूबर रवीश कुमार ने इस खबर का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- "आज के भारत की #MyModiStory मुझे भी यू ट्यूब ने सूचना भेजी है कि अदाणी पर बने वीडियो ख़ुद हटा लूं या फिर वह हटा देगा। सूचना मंत्रालय ने कई लोगों और संस्थाओं को नोटिस जारी किया है, इनमें न्यूज़लौंड्री, द वायर सहित ध्रुव राठी, अभिसार, अजीत अंजुम, आकाश बनर्जी के वीडियो के भी लिंक हैं। कुल 138 वीडियो हटाए जाने हैं। इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट किए गए वीडियो हटाने होंगे। आज अदाणी वीडियो टेक डाउन दिवस है। अगर कोई यू ट्यूबर इसी पर वीडियो बनाए कि अदाणी पर बने 138 वीडियो टेक डाउन करने के आदेश दिए गए हैं तो क्या उसके वीडियो को भी टेक डाउन किया जाएगा। टेक डाउन का मतलब होता है वीडियो डिलिट करना।" यूट्यूबर अभिसार शर्मा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- "अडानी ग्रुप ने मेरे खिलाफ शो पर मानहानि का आपराधिक मामला दर्ज किया है, जिस पर असम सरकार ने 152, 196 और 197 के तहत केस दर्ज किए हैं... कोर्ट के आदेश के आधार पर मुझे यूट्यूब से वीडियो हटाने का मेल मिला है। इसमें मेरे, ध्रुव, रवीश, आकाश, अजीत अंजुम और दीपक शर्मा के अडानी पर बनाए सभी वीडियो शामिल हैं।" इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने लिखा- "यह टेकडाउन ऑर्डर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन है। मानहानि पर कानून स्पष्ट है। यदि आरोपी यह कहता है कि उसने सच कहा है और वह कथित मानहानिकारक बयानों को सही ठहराना चाहता है, तो अदालत कोई निषेधाज्ञा जारी नहीं कर सकती, और न ही टेकडाउन ऑर्डर।" वरिष्ठ पत्रकार परंजय गुहाठाकुरता ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा - "दोस्तों और शुभचिंतकों, आपके समर्थन और एकजुटता के लिए आप सभी का धन्यवाद। सामान्य परिस्थितियों में, मैं आज दोपहर उत्तर दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा जारी किए गए अंतरिम आदेश के खिलाफ अपनी अपील के दौरान मौजूद होता, लेकिन अफसोस, मैं उस समय कोर्ट में नहीं रह पाऊँगा। कारण: मुझे कल (गुरुवार, 18 सितंबर) सुबह राजस्थान के बारां जिले में अडानी पावर लिमिटेड द्वारा दायर मानहानि के एक अलग मामले में ग्राम न्यायालय में पेश होने के लिए नई दिल्ली से कोटा के लिए ट्रेन लेनी है। यह कोर्ट कोटा से 100 किलोमीटर दूर है। यह मेरी इस कोर्ट में पाँचवीं बार यात्रा होगी। हम तीन लोग, प्रबीर पुरकायस्थ, अभिर् दासगुप्ता और मैं, एक साथ यात्रा कर रहे हैं। आप जानते होंगे कि अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड बनाम परंजय गुहा ठाकुरता और अन्य मामले में, भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने रवीश कुमार, अजीत अंजुम, आकाश बनर्जी (देशभक्त), ध्रुव राठी, द वायर, न्यूजलॉन्ड्री, एचडब्ल्यू न्यूज, न्यू दिल्ली पोस्ट, उल्टा चश्मा जैसे कई पत्रकारों और मीडिया संगठनों को उनके सोशल मीडिया अकाउंट से अडानी से संबंधित सामग्री हटाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश यूट्यूब और एक्स (ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी भेजा गया है। आपके समर्थन के लिए फिर से धन्यवाद।" इस टेकडाउन आदेश को लेकर अब अदालतों में कानूनी लड़ाई तेज़ हो रही है। पत्रकारों और कंटेंट क्रिएटर्स का कहना है कि यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों और मीडिया स्वतंत्रता पर गहरी चोट है, जबकि अडानी समूह इसे मानहानि से बचाव का औचित्यपूर्ण कदम मान रहा है। अब देखना होगा कि उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं।