राहुल गांधी का संकल्प: बिहार में ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ — शिक्षा व आरक्षण से बराबरी की लड़ाई
अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र — क्या वादे किए गए हैं?
- शिक्षा पर विशेष जोर: निजी संस्थानों में आरक्षण और पहुंच बढ़ाना
- नियोक्तियों में अन्यायपूर्ण ‘Not Found Suitable’ प्रथा का अंत
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस बिहार में ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ के ज़रिए अतिपिछड़ों, दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों को शिक्षा व आरक्षण से न्याय दिलाएगी।
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा-
"भाजपा चाहे जितने भी झूठ और ध्यान भटकाने की साज़िश करे, हम अतिपिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और पिछड़े समाज को उनका पूरा हक़ दिलाने के लिए संकल्पित हैं।
बिहार में अतिपिछड़ा समाज को मज़बूत बनाने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए हमने ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ में ठोस वादे किए हैं।
शिक्षा इन समुदायों की प्रगति का सबसे बड़ा साधन है, इसलिए इस क्षेत्र में उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष संकल्प हैं –
अब प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ में भी आरक्षण लागू होगा, प्राइवेट स्कूलों की आरक्षित आधी सीटें SC/ST/OBC/EBC बच्चों को मिलेंगी और नियुक्तियों में “Not Found Suitable” जैसी अन्यायपूर्ण व्यवस्था ख़त्म होगी।
यह सिर्फ़ शिक्षा नहीं, बल्कि अति पिछड़ों की बराबरी और सम्मान की लड़ाई है। यही है सच्चा सामाजिक न्याय और समान विकास की गारंटी।"