फिलिस्तीन एक्शन के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान लंदन में 890 लोग गिरफ्तार

लंदन में फिलिस्तीन एक्शन के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान 890 लोग गिरफ्तार

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में "Defend Our Juries" द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कुल 890 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह प्रदर्शन प्रतिबंधित संगठन Palestine Action के समर्थन में किया गया था।

मेट्रोपॉलिटन पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 857 लोगों को आतंकवाद अधिनियम 2000 (Section 13 TACT) के तहत गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने एक प्रतिबंधित संगठन का समर्थन किया था। इसके अलावा, 33 लोगों को अन्य अपराधों में गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 17 पुलिस अधिकारियों पर हमले के आरोप में थे।

गिरफ्तारियां और कार्रवाई

मेट्रोपॉलिटन पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान हालात हिंसक हो गए थे और कई प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। पुलिस की योजना के अनुसार, सभी गिरफ्तार लोगों को वेस्टमिंस्टर क्षेत्र में बनाए गए कैदी रिसेप्शन प्वाइंट पर लाया गया।

341 लोगों को वहीं प्रोसेस कर उनकी जानकारी दर्ज कर ज़मानत पर छोड़ा गया।

519 लोगों को, जिनके बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल सकी या जो पहले से ही जमानत पर थे, उन्हें मेट पुलिस की विभिन्न कस्टडी सूट्स में ले जाया गया।

काउंटर टेररिज़्म कमांड की जांच

पुलिस ने कहा कि आतंकवाद अधिनियम के तहत गिरफ्तार सभी 857 लोगों की जांच अब मेट के काउंटर टेररिज़्म कमांड द्वारा की जाएगी। हाल के हफ्तों में पुलिस और CPS (Crown Prosecution Service) मिलकर तेज़ी से चार्जशीट दाखिल करने पर काम कर रहे हैं।

पुलिस अधिकारी का बयान

इस अभियान का नेतृत्व कर रहीं डिप्टी असिस्टेंट कमिश्नर क्लेयर स्मार्ट ने कहा : "मैं उन सभी अधिकारियों को धन्यवाद देती हूँ जिन्होंने इस अभियान के दौरान पेशेवर रवैया बनाए रखा, जबकि उन्हें गालियों और हिंसा का सामना करना पड़ा।"

उन्होंने आगे कहा :

"हमने जिस हिंसा का सामना किया, वह योजनाबद्ध थी और इसमें कई लोग शामिल थे जो मास्क पहनकर अपनी पहचान छुपाए हुए थे। इनमें से अधिकतर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।"

डिप्टी कमिश्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि उसी दिन लंदन में हुए अन्य शांतिपूर्ण प्रदर्शनों से इसकी तुलना साफ दिखती है। “आज के इस प्रदर्शन और कल हमने जिन अन्य प्रदर्शनों की सुरक्षा व्यवस्था की थी, उनके बीच का अंतर बहुत स्पष्ट था, जिनमें फिलिस्तीन गठबंधन मार्च भी शामिल था, जिसमें लगभग 20,000 लोग शामिल हुए थे। किसी उद्देश्य का समर्थन करना हर नागरिक का अधिकार है, लेकिन आतंकवाद अधिनियम का उल्लंघन करना या हिंसा करना अपराध है।”

पुलिस ने कहा कि क़ानून का पालन करना और करवाना उनकी ज़िम्मेदारी है और यदि कोई संगठन या व्यक्ति अपराध करने की मंशा जाहिर करता है, तो क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों को कार्रवाई करनी ही होगी।

Update: 2025-09-07 12:44 GMT

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