चुनाव आयोग बीजेपी का वोट चोरी का अड्डा बना ?
कांग्रेस का आरोप: चुनाव आयोग बना बीजेपी का वोट चोरी का अड्डा
- अलैंड विधानसभा क्षेत्र में कथित मतदाता धोखाधड़ी का मामला
- कांग्रेस ने लगाए फर्जी वोटर आवेदनों के गंभीर आरोप
- CID जांच में देरी और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
- डेस्टिनेशन IP और पोर्ट डेटा देने से ECI का इनकार
कांग्रेस का दावा: वोटरों के अधिकारों की अनदेखी हो रही है
कांग्रेस ने कर्नाटक के अलैंड विधानसभा क्षेत्र में हुए कथित मतदाता धोखाधड़ी के मामले में चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह बीजेपी का वोट चोरी का अड्डा बन गया है और जरूरी सबूत छिपा रहा है। 2023 के कर्नाटक चुनाव से पहले, कांग्रेस ने फॉर्म 7 के 6,018 फर्जी आवेदनों का पर्दाफाश किया था, जिनमें से 5,994 फर्जी पाए गए। फरवरी 2023 में मामला दर्ज हुआ और CID जांच का आदेश दिया गया। हालांकि, चुनाव आयोग ने शुरुआत में कुछ डेटा शेयर किया, लेकिन अब ज़रूरी सबूत, जैसे डेस्टिनेशन IPs और डेस्टिनेशन पोर्ट्स, जो आवेदन करने वाले उपकरणों की पहचान करने में मदद करेंगे, शेयर करने से इनकार कर रहा है। इस जांच में दो साल से अधिक समय लग चुका है और अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। कांग्रेस का दावा है कि चुनाव आयोग बीजेपी के दबाव में धोखाधड़ी की जांच को रोक रहा है और मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा नहीं कर रहा है।
कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग (ECI) फरवरी 2023 में पाए गए 5,994 फर्जी वोटर एप्लीकेशन फॉर्म (फॉर्म 7) की CID जांच में बाधा डाल रहा है। ECI ने महत्वपूर्ण डेटा नहीं दिया है, जिससे बीजेपी को बचाने का आरोप लग रहा है। कांग्रेस का दावा है कि यह वोट चोरी है और वह वोटरों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ेगी। लेख में रुके हुए जांच और ECI द्वारा मांगे गए डेटा न देने का हवाला देकर कांग्रेस के दावों का समर्थन किया गया है।