सुनवाई शुरू हई वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल: जैसे ही... ... बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, विपक्षी दलों की याचिकाएँ
सुनवाई शुरू हई
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल: जैसे ही मुझे मतदाता सूची से हटाया जाएगा, मैं अनुच्छेद 19 के तहत अपने सभी नागरिक अधिकार खो दूँगा। उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
सिब्बल: वे कहते हैं कि बीएलओ को मेरी नागरिकता तय करने का अधिकार है। ऐसा होते ही मेरी पहचान खत्म हो जाएगी। सिर्फ़ भारत सरकार ही तय कर सकती है कि कौन नागरिक है। बीएलओ यह तय नहीं कर सकता। यह नागरिकता कानून के तहत है और चुनाव आयोग यह तय नहीं कर सकता।
वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी: अलग-अलग दस्तावेज़ों का उद्देश्य अलग-अलग होता है।
सुप्रीम कोर्ट: आप कह रहे हैं कि दस्तावेज़ संपूर्ण नहीं होते... तो क्या आधार का भी इस्तेमाल किया जा सकता है?
द्विवेदी: आधार क़ानून के तहत एक पहचान पत्र है। इसमें कोई विवाद नहीं है। इसका मतलब है कि मैं मैं हूँ और आप आप हैं। यह दस्तावेज़ प्रमाणीकरण के लिए है। यह दिखाता है कि यह मेरा घर है, मैं यहीं रहता हूँ। हर दस्तावेज़ का एक उद्देश्य होता है।