विश्व स्तनपान सप्ताह 2025: माँ और शिशु के स्वास्थ्य के लिए सरकार की अपील, आयुर्वेद और पोषण पर जोर

World Breastfeeding Week 2025: Government's appeal for mother and child health, emphasis on Ayurveda and nutrition;

By :  Hastakshep
Update: 2025-08-08 04:37 GMT

World Breastfeeding Week 2025 1-7 August 2025

विश्व स्तनपान सप्ताह: माँ और शिशु के स्वास्थ्य व रिश्ते को मज़बूत करने का संकल्प

  • स्वास्थ्य मंत्रालय – 2 साल तक स्तनपान के फायदे
  • आयुर्वेद में सूतिका काल और स्तन्य का महत्व
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की टीकाकरण अपील
  • आयुष मंत्रालय – 6 महीने तक केवल माँ का दूध
  • स्तनपान के लाभ – माँ और शिशु दोनों के लिए

समाज में स्तनपान को बढ़ावा देने की जरूरत

विश्व स्तनपान सप्ताह पर भारत सरकार के मंत्रालयों ने 2 साल तक स्तनपान, आयुर्वेदिक पोषण और माँ-शिशु के स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने का संदेश दिया...

नई दिल्ली, 8 अगस्त 2025 – हर साल 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाने वाला विश्व स्तनपान सप्ताह इस बार शिशु अवस्था के बाद भी स्तनपान जारी रखने के महत्व पर केंद्रित रहा। भारत सरकार के कई मंत्रालयों ने इस अवसर पर ट्वीट और संदेश जारी कर स्तनपान के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक लाभों पर जोर दिया।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने आधिकारिक संदेश में कहा —

“2 साल और उससे अधिक उम्र तक स्तनपान कराएँ क्योंकि हर बार स्तनपान कराने से शरीर और बंधन दोनों मज़बूत होते हैं।”

मंत्रालय ने बताया कि स्तनपान केवल बच्चे के पोषण के लिए ही नहीं, बल्कि माँ और शिशु के बीच भावनात्मक जुड़ाव को भी गहरा करता है।

आयुर्वेद की दृष्टि से स्तनपान

आयुर्वेद के अनुसार, नारीत्व से मातृत्व की यात्रा जीवन के सबसे बड़े सुखों में से एक है, लेकिन यह प्रसव के दौरान होने वाले गहन शारीरिक और मानसिक परिश्रम के बाद आती है।

इस प्रसवोत्तर काल को "सूतिका काल" कहा जाता है — वह समय जब माँ को भरपूर विश्राम, पौष्टिक आहार और भावनात्मक सहयोग की जरूरत होती है।

आयुर्वेदिक मान्यताओं के मुताबिक, "स्तन्य" (माँ का दूध) आहार से निर्मित होता है, इसलिए माँ का संतुलित भोजन, पर्याप्त जल सेवन और मानसिक शांति, स्तनपान की गुणवत्ता में अहम भूमिका निभाते हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अपील

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने माताओं को समय पर टीकाकरण और दवाओं के महत्व की याद दिलाई। मंत्रालय के संदेश में कहा गया —

“समय पर टीके और दवाइयाँ माँ और बच्चे के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करती हैं। आइए, जानकारी रखें और सुरक्षित रहें।”

आयुष मंत्रालय का संदेश

आयुष मंत्रालय ने माँ के दूध को बच्चे के लिए “संपूर्ण आहार” बताया और कहा —

“माँ का दूध आसानी से पचता है, बीमारियों से बचाता है और शरीर की रक्षा करता है। जन्म के बाद पहले 6 महीने तक बच्चे को केवल माँ का दूध ही पिलाएं — यही है शिशु के सेहतमंद शुरुआत का राज।”

स्तनपान के लाभ

शिशु के लिए:

  • पूर्ण पोषण, आसानी से पचने वाला आहार
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
  • शारीरिक और मानसिक विकास में सहयोग

माँ के लिए:

  • प्रसवोत्तर स्वास्थ्य में तेजी से सुधार
  • ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर के खतरे में कमी
  • भावनात्मक संतुलन और मातृत्व बंधन की मजबूती

विश्व स्तनपान सप्ताह केवल एक स्वास्थ्य अभियान नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है — कि माँ और बच्चे के बीच का यह प्राकृतिक बंधन पूरे समाज के सहयोग और सम्मान का हकदार है।

इस अवसर पर विशेषज्ञों ने ज़ोर दिया कि स्तनपान को लेकर जागरूकता, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य सहायता को प्राथमिकता देना चाहिए, ताकि अगली पीढ़ी को स्वस्थ और मजबूत शुरुआत मिल सके।

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