मानव तस्करी के पीड़ितों को सहारा देना क्यों अनिवार्य है: IOM का वैश्विक अभियान शुरू
मानव तस्करी के 5 करोड़ भुक्तभोगियों की मदद के लिए IOM ने वैश्विक अभियान शुरू किया है। पीड़ितों को सुरक्षा, न्याय और दीर्घकालिक समर्थन देने की अपील की है।;
HUMAN RIGHTS
वैश्विक स्तर पर मानव तस्करी की भयावह तस्वीर
- IOM का अभियान: सुरक्षा और न्याय की पुकार
- मानव तस्करी के भुक्तभोगियों के अनुभव और गलतफहमियों को तोड़ने की कोशिश
- कमजोर संरक्षण प्रणालियों में तस्करी के बढ़ते खतरे
मानव तस्करी के भुक्तभोगियों को दीर्घकालिक समर्थन देने की आवश्यकता
मानव तस्करी के 5 करोड़ भुक्तभोगियों की मदद के लिए IOM ने वैश्विक अभियान शुरू किया है। पीड़ितों को सुरक्षा, न्याय और दीर्घकालिक समर्थन देने की अपील की है। पढ़िए संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह खबर
मानव तस्करी के भुक्तभोगियों को सहारा देना एक अनिवार्य ज़िम्मेदारी
24 नवंबर 2025 मानवाधिकार
दुनिया भर में लगभग 5 करोड़ लोग, जबरन मज़दूरी, तस्करी या फिर जबरन विवाह की परिस्थितियों में जीवन गुज़ार रहे हैं. इन हालात के शिकार बहुत से लोगों को टकरावों, आपदाओं व आर्थिक अस्थिरता में धकेल दिया जाता है. अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने इन मुसीबतों के शिकार लोगों की मदद करने के लिए एक विश्व व्यापी अभियान चलाया है.
इस अभियान के तहत, मानव तस्करी को रोके जाने और इसके भुक्तभोगियों के लिए मदद का दायरा बढ़ाने की ख़ातिर कड़ी कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई गई है.
यूएन प्रवासन एजेंसी के अनुसार, अभियान के तहत लोगों की सक्रियता बढ़ाई जाएगी, सहायता कार्यक्रमों के लिए धन जुटाया जाएगा.
साथ ही, यह बात भी उजागर की जाएगी कि मानव तस्करी, दुनिया भर में आज भी मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला एक व्यापक अपराध बना हुआ है.
IOM की महानिदेशक एमी पोप का कहना है कि मानव तस्करी लोगों को उनके अधिकारों और विकल्पों से वंचित कर देती है और उनसे उनका भविष्य छीन लेती है.
उनका कहना है, “इसका प्रभाव, शोषण का अन्त होने जाने के साथ ही ख़त्म नहीं हो जाता. यह बहुत से वर्षों के लिए, किसी की ज़िन्दगी को प्रभावित करता रह सकता है.”
“हर एक भुक्तभोगी को सुरक्षा, न्याय और लम्बी अवधि तक समर्थन मुहैया कराए जाने की ज़रूरत है और समुदायों को, इस तरह का शोषण किए जाने से पहले ही उसे रोक देने के संसाधन मुहैया कराने होंगे.”
एक साझा ज़िम्मेदारी
यह अभियान ध्यान दिलाता है कि लोगों की हिफ़ाज़त करना कोई पसन्द या नापसन्द वाला विकल्प नहीं बल्कि एक अनिवार्यता है. यह एक साझा ज़िम्मेदारी है और हम जिस तरह के समाज बनाना चाहते हैं, उनका आईना है.
मानव तस्करी ऐसे स्थानों पर ज़ोर पकड़ती है जहाँ संरक्षण प्रणालियाँ कमज़ोर हैं और जहाँ लोगों को सुरक्षा, गरिमा व स्थिर आजीविकाओं के साधन उपलब्ध नहीं हैं.
Anyone a Victim नामक इस वैश्विक अभियान में, मानव तस्करी के भुक्तभोगियों के अनुभव प्रस्तुत किए जाएंगे और मानव तस्करी के जोखिम में कौन-कौन आ सकते हैं, इस बारे में व्याप्त ग़लतफ़हमियों को चुनौती दी जाएगी, यानि तथ्यों के साथ जागरूकता फैलाई जाएगी.
इस मुहिम के तहत अक्सर अनदेखी के शिकार मामलों को भी सामने लाया जाएगा और दिखाया जाएगा कि मानव तस्करी सभी आयु, पृष्ठभूमियों के लोगों को अपनी जकड़ में ले सकती है.
साथ ही, जनता से ऐसे कार्यक्रमों को समर्थन देने की पुकार भी लगाई जाएगी जो सुरक्षा, सहायता और सदमे व संकट से बाहर आने में मदद की पेशकश करते हैं.
IOM के इस अभियान को, इस एजेंसी के विभिन्न सदभावना दूतों का भी समर्थन हासिल है, जिनमें सर मो फ़ाराह भी शामिल हैं, जो स्वयं भी मानव तस्करी के शिकार रहे हैं और अब IOM के वैश्विक सदभावना दूत हैं.