कुत्तों की मौज आ गई ! कुत्तों के पक्ष में आया सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अब पूरे देश में आवारा कुत्तों पर नए नियम लागू, सार्वजनिक स्थानों पर खाना खिलाने पर रोक;
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश पर लगाई रोक, दिए नए दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश पर लगाई रोक, दिए नए दिशा-निर्देश
- आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश:
- टीकाकृत और नसबंदी वाले कुत्ते छोड़े जाएँगे।
- रेबीज संक्रमित या आक्रामक कुत्तों को नहीं छोड़ा जाएगा
- सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाना हुआ प्रतिबंधित
- एमसीडी भोजन क्षेत्र बनाएगी साथ ही हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी
- उल्लंघन करने पर लगेगा ₹25,000 का जुर्माना
- पशु प्रेमी चाहें तो कुत्तों को गोद ले सकते हैं।
- आदेश अब पूरे देश में लागू होगा, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पक्षकार बनाए गए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा— नागरिकों की सुरक्षा और पशु अधिकार, दोनों का संतुलन ज़रूरी है
आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। टीकाकृत कुत्तों को छोड़ा जाएगा, रेबीज या आक्रामक कुत्तों पर रोक। सार्वजनिक स्थानों पर खाना खिलाना बैन।
नई दिल्ली, 22 अगस्त 2025। सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को हटाने संबंधी दो न्यायाधीशों की पीठ के निर्देशों पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने आज यह आदेश उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया, जिनमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की खंडपीठ द्वारा दिए गए निर्देशों को चुनौती दी गई थी।
क्या था दो न्यायाधीशों की पीठ का आदेश
जैसा कि आप जानते हैं कि हाल ही में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति महादेवन की खंडपीठ ने कहा था कि दिल्ली में कुत्तों के काटने की घटनाएँ संविधान के अनुच्छेद 19(1)(डी) और 21 के तहत नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं। आँकड़ों का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि वर्ष 2024 में ही दिल्ली में कुत्तों के काटने के 25,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए और केवल जनवरी 2025 में ही 3,000 से ज्यादा मामले सामने आए। शीर्ष अदालत का कहना था कि नसबंदी नियम इस समस्या को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं, इसलिए कुत्तों को पकड़कर छोड़ा न जाए।
अब आया तीन न्यायाधीशों की पीठ का नया आदेश
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने अब उक्त आदेश पर रोक लगाते हुए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
अदालत ने कहा है कि—
- जिन कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी हो चुकी है, उन्हें छोड़ा जाएगा..
- जिन कुत्तों में रेबीज संक्रमण का संदेह है या जो आक्रामक व्यवहार दिखाते हैं, उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा..
- आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर खाना खिलाना प्रतिबंधित होगा, ऐसा करने वालों पर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी..
- एमसीडी को निर्देश दिया गया कि वह नगरपालिका वार्डों में विशेष भोजन क्षेत्र बनाए..
- इसके उल्लंघन की शिकायत दर्ज करने के लिए एमसीडी हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी..
- यदि किसी लोक सेवक के काम में बाधा पहुँचाई जाती है, तो जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई होगी..
- प्रत्येक एनजीओ या पशु प्रेमी, यदि वे अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें ₹25,000 का जुर्माना देना होगा..
- यदि पशु प्रेमी चाहें तो आवारा कुत्तों को गोद लेने के लिए एमसीडी के समक्ष आवेदन कर सकते हैं
अखिल भारतीय स्तर पर विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में लागू होगा। शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया है और पशुपालन विभाग को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों को निर्देश दिया है कि जहाँ-जहाँ इसी तरह की याचिकाएँ लंबित हैं, उनकी जानकारी रजिस्ट्री को भेजी जाए, ताकि अंतिम नीति सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की जा सके।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
तीन विद्वान न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन पशुओं के अधिकारों और संवेदनशीलता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। इसलिए संतुलन बनाते हुए यह संशोधित आदेश दिया गया है।