Live news of the country and the world 07 October 2025 | Aaj Tak Live

Aaj Tak Breaking News 07 October 2025

दिन भर की खबरें 07 अक्टूबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं..

06 अक्टूबर की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें

बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे, मतगणना 14 नवंबर को।

बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे, जिसमें राज्य की सभी 243 सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को 121 सीटों के लिए होगा, जबकि दूसरे चरण में शेष 122 सीटों के लिए 11 नवंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी, यह जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में दी।

इज़राइल ने ग्रेटा थुनबर्ग सहित 171 और गाजा फ्लोटिला कार्यकर्ताओं को निर्वासित किया

इज़राइल ने कहा है कि उसने सोमवार को 171 और कार्यकर्ताओं को निर्वासित कर दिया, जिन्हें गाजा जाने वाले एक सहायता बेड़े में भाग लेने के दौरान हिरासत में लिया गया था, जिनमें स्वीडिश कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग भी शामिल हैं।

इज़राइल के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि,

"ग्रेटा थनबर्ग सहित हमास-सुमुद बेड़े के 171 और उकसाने वाले लोगों को आज इज़राइल से ग्रीस और स्लोवाकिया निर्वासित कर दिया गया।

निर्वासित लोग ग्रीस, इटली, फ्रांस, आयरलैंड, स्वीडन, पोलैंड, जर्मनी, बुल्गारिया, लिथुआनिया, ऑस्ट्रिया, लक्ज़मबर्ग, फ़िनलैंड, डेनमार्क, स्लोवाकिया, स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, यूके, सर्बिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक हैं।

इस जनसंपर्क अभियान में शामिल लोगों के सभी कानूनी अधिकारों का पूरी तरह से सम्मान किया गया है और आगे भी किया जाएगा।

वे जो झूठ फैला रहे हैं, वह उनके पूर्व-नियोजित फ़र्ज़ी समाचार अभियान का हिस्सा है।

एकमात्र हिंसक घटना हमास-सुमुद के एक उकसावे वाले द्वारा की गई थी, जिसने केत्सियोट जेल की एक महिला चिकित्सा कर्मचारी को काट लिया था।

उनके द्वारा फैलाई जा रही फ़र्ज़ी ख़बरों पर विश्वास न करें।

प्रत्यर्पण से पहले हवाई अड्डे पर ग्रेटा और इस जनसंपर्क अभियान में शामिल अन्य लोगों की तस्वीरें संलग्न हैं।"

कनाडा के कॉनकॉर्डिया विश्वविद्यालय में फ़िलिस्तीन के समर्थन में हड़ताल — गाज़ा पर हमले की बरसी पर छात्रों का बड़ा आंदोलन

A pro-Palestine strike at Canada's Concordia University—a large student movement marking the anniversary of the Gaza attack

मॉन्ट्रियल में हज़ारों छात्रों की सड़कों पर उतरने की तैयारी, इज़राइल की कड़ी प्रतिक्रिया — कॉनकॉर्डिया कैंपस बना अंतरराष्ट्रीय बहस का केंद्र

दुनिया के शीर्ष शिक्षण संस्थानों में शुमार कनाडा के मॉनट्रियल स्थित कॉनकॉर्डिया विश्वविद्यालय (Concordia University in Montreal, Canada, is one of the world's top educational institutions) आज फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता में हड़ताल की योजना बना रहे हैं।

इज़राइल पर हमास के हमले की दूसरी बरसी के उपलक्ष्य में, मॉन्ट्रियल में हज़ारों छात्र सोमवार और मंगलवार को सड़कों पर उतरकर गाजा में फ़िलिस्तीनियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए हड़ताल करेंगे।

यूक्यूएएम शिक्षा संकाय के छात्रों और छात्रों के संघ (एडीईएसई) के अनुसार, कम से कम 59 सीईजीईपी और 46,000 से अधिक छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले विश्वविद्यालय छात्र संघों ने हड़ताल का आदेश पारित किया है।

CityNews Montreal की खबर के मुताबिक एडीईईएसई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "अन्य छात्र संघों द्वारा 7 अक्टूबर तक मतदान किए जाने की उम्मीद है, जिससे हड़ताल पर जाने वाले संभावित छात्रों की संख्या 81,000 से ज़्यादा हो जाएगी।"

उन्होंने आगे बताया कि यह छात्र आंदोलन फ़िलिस्तीन में विनिवेश (डी4पी) समूह और पूंजीवाद विरोधी संघर्षों के अभिसरण (सीएलएसी) के आह्वान के जवाब में है।

एडीईईएसई की माध्यमिक शिक्षा की छात्रा फैनी हरनोइस ने कहा, "हड़ताल आंदोलन में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या और विविधता, फ़िलिस्तीनी लोगों के अधिकारों और उनकी मुक्ति के लिए युवाओं के स्पष्ट और दृढ़ समर्थन को दर्शाती है। हम अब कार्रवाई किए बिना नहीं रह सकते"।

उन्होंने आगे कहा, "हम 6 और 7 अक्टूबर को अपने परिसरों और सड़कों पर पूरी ताकत से उतरेंगे ताकि नरसंहार में शामिल होने से सामूहिक इनकार को ज़ाहिर किया जा सके और लोगों को फ़िलिस्तीन और यहाँ, सभी रूपों में, प्रतिरोध की वैधता की याद दिलाई जा सके।"

जैसा कि आप जानते हैं कि हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर, 2023 को इज़राइल पर हमला किया, जिसमें 1,200 नागरिक और सैनिक मारे गए और लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया गया था। हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इज़राइल ने गाजा पट्टी पर बमबारी करके जवाब दिया, जिसमें 67,000 से ज़्यादा नागरिक मारे गए।

इज़राइल के विदेश मंत्रालय ने कॉनकॉर्डिया विश्वविद्यालय के छात्रों के आयोजन को शर्मनाक बताते हुए एक्स पर पोस्ट किया-

"शर्मनाक।

कॉनकॉर्डिया विश्वविद्यालय के छात्र समूह इस 7 अक्टूबर को एक रैली आयोजित कर रहे हैं, जिसमें फ़िलिस्तीनियों द्वारा किए गए नरसंहार और अत्याचारों का जश्न मनाया जाएगा और "प्रतिरोध" के नारे के तहत आतंकवाद का महिमामंडन किया जाएगा।

ये समूह शांति या न्याय के समर्थक नहीं हैं। वे एक कनाडाई विश्वविद्यालय के संरक्षण में हमास आतंकवादियों द्वारा की गई हत्या, बलात्कार और निर्दोष नागरिकों के अपहरण का जश्न मना रहे हैं।

आतंकवाद के लिए परिसर में कोई जगह नहीं है।"


Live Updates

  • 7 Oct 2025 10:41 AM IST

    India News Live Updates | मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी बोले — हरिओम वाल्मीकि की हत्या संविधान और मानवता दोनों पर कलंक

    रायबरेली में दलित युवक की निर्मम हत्या पर कांग्रेस का तीखा बयान — ‘2014 के बाद भीड़तंत्र और बुलडोज़र न्याय देश की पहचान बन गए हैं

    रायबरेली में दलित युवक की निर्मम और क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि 2014 के बाद से मॉब लिंचिंग, बुलडोज़र अन्याय और भीड़तंत्र जैसी प्रवृत्तियां हमारे समय की भयावह पहचान बन चुकी हैं।

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वक्तव्य को एक्स पर साझा करते हुए लिखा-

    "रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम और क्रूर हत्या की कांग्रेस पार्टी कड़ी से कड़ी निंदा करती है।

    हमारा संयुक्त वक्तव्य —

    "हमारे देश में एक संविधान है, जो हर इंसान को समानता के भाव से पहचानता है। एक कानून है, जो हर नागरिक की सुरक्षा, उसके अधिकार और उसकी अभिव्यक्ति को समान दर्जा देता है।

    जो रायबरेली में हुआ, वह इस देश के संविधान के प्रति घोर अपराध है। दलित समुदाय के प्रति अपराध है, और इस देश व समाज पर कलंक है।

    देश में दलितों, अल्पसंख्यकों और ग़रीबों पर अपराध की संख्या हद से ज़्यादा बढ़ चुकी है। यह हिंसा सबसे अधिक उन्हीं पर होती है जो वंचित हैं, बहुजन हैं, जिनकी न पर्याप्त हिस्सेदारी है, न प्रतिनिधित्व।

    चाहे हाथरस और उन्नाव में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध हों, रायबरेली में हरिओम की हत्या, या कुछ समय पहले, रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या, मध्य प्रदेश में एक नेता द्वारा आदिवासी युवक पर पेशाब करने की अमानवीय घटना, ओडिशा और मध्य प्रदेश में दलितों की निर्मम पिटाई, या फिर हरियाणा के पहलू खान और उत्तर प्रदेश के अख़लाक़ की हत्या, हर घटना हमारे समाज, प्रशासन और सत्ताधारी शक्तियों की बढ़ती हुई संवेदनहीनता का दर्पण है।

    2014 के बाद से मॉब लिंचिंग, बुलडोज़र अन्याय और भीड़तंत्र जैसी प्रवृत्तियां हमारे समय की भयावह पहचान बन चुकी हैं।

    हिंसा किसी भी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती इसलिए हरिओम के साथ जो हुआ, वह हमारी सामूहिक नैतिकता पर गहरा प्रश्न है।

    डॉ. भीमराव आंबेडकर के सपनों का भारत और महात्मा गांधी के ‘वैष्णव जन...’ का भारत सामाजिक न्याय, समानता और संवेदना का भारत है, जिसमें ऐसे अपराधों के लिए कोई स्थान नहीं। मानवता ही एकमात्र रास्ता है।

    कांग्रेस पार्टी समाज के वंचित और कमजोर तबकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। हम नागरिकों से आह्वान करते हैं कि वे इस अन्याय के विरुद्ध एकजुट हों। यह लड़ाई तब तक जारी रहनी चाहिए, जब तक हर भारतीय के अधिकारों और जीवन की गरिमा को पूर्ण सुरक्षा नहीं मिल जाती।"

  • 7 Oct 2025 10:03 AM IST

    India News Live Updates | बिहार एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले क्या बोले जयराम रमेश ?

    BIHAR SIR पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले क्या बोले जयराम रमेश ?

    सुप्रीम कोर्ट आज बिहार एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। 30 सितंबर को, चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की थी।

    कल, चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की।

    सुनवाई से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक लेख साझा करते हुए एक्स पर लिखा-

    "बिहार एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई शुरू हो रही है।

    यह सूक्ष्म विश्लेषण दर्शाता है कि चुनाव आयोग द्वारा की गई पूरी एसआईआर प्रक्रिया पूर्णता, निष्पक्षता और सटीकता, तीनों ही मानकों पर विफल रही है।

    मतदाता सूची से गैर-नागरिकों के नाम हटाने के लिए एसआईआर प्रक्रिया की आवश्यकता पर काफ़ी ज़ोर दिया गया। चुनाव आयोग में न तो इतनी ईमानदारी थी और न ही साहस कि वह देश को बता सके कि बिहार में ऐसे कितने गैर-नागरिकों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए। अगर उसने ऐसा किया होता, तो उसकी पोल और भी ज़्यादा खुल जाती।"