अखिलेश यादव का हमला: अमेरिका के टैरिफ़ फैसले से यूपी का निर्यात उद्योग प्रभावित

  • अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार की नीतियों को ठहराया जिम्मेदार
  • बनारसी साड़ी से लेकर पीतल उद्योग तक अरबों के प्रोडक्ट फंसे
  • निर्यातकों, सप्लायर्स और कामगारों पर संकट गहराया
  • ODOP उत्पादों को विशेष राहत देने की मांग

बेरोजगारी संकट और उद्योगों के भविष्य पर सवाल

अमेरिका के 50% टैरिफ फैसले पर अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को घेरा। कहा- यूपी का निर्यात उद्योग तबाही के कगार पर, लाखों रोजगार खतरे में। ODOP उत्पादों को विशेष राहत देने की मांग...

नई दिल्ली, 27 अगस्त 2025. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर भारी टैरिफ लगाने के फैसले को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि इस निर्णय से उत्तर प्रदेश का निर्यात उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और लाखों परिवारों की आजीविका खतरे में पड़ गई है। अखिलेश यादव ने बनारसी साड़ी, कार्पेट, पीतल, चमड़ा और हैंडलूम जैसे उद्योगों का ज़िक्र करते हुए कहा कि अरबों-खरबों रुपये के उत्पाद जहाज़ों में फंसे पड़े हैं।

सपा अध्यक्ष ने सरकार से मांग की कि ODOP उत्पादों को तुरंत विशेष राहत दी जाए, वरना बेरोज़गारी की समस्या और विकराल हो जाएगी।

अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा-

"प्रिय निर्यातकों

हम सब जानते हैं कि टैरिफ़ की वजह से उप्र का निर्यात बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

- ⁠प्रतिशोधात्मक टैरिफ़ भाजपा सरकार की नाक़ामयाब नीतियों का परिणाम है, उसका ख़ामियाज़ा निर्यातक व उन पर निर्भर बाक़ी व्यवसाय यथा पैकिंग व ट्रांसपोर्ट उद्योग तथा कामगार-कलाकार-शिल्पकार व उनके परिवार क्यों भुगते।

- बनारसी साड़ी से लेकर, कार्पेट उद्योग, पीतल उद्योग, ताला व हार्डवेयर उद्योग, चमड़ा उद्योग, इत्र उद्योग, स्पोर्ट्स उद्योग, फूड व प्रोसेस्ड प्रॉडक्ट्स, स्टोन-मार्बल उद्योग, रेडीमेड गारमेन्ट्स, मूंज, ज़री जरदोज़ी, होम फ़र्निशिंग, बांस, सुनारी, बिंदी, वुड प्रॉडक्ट्स, शज़र पत्थर शिल्प, सिरेमिक, लकड़ी के खिलौने, घुंघरू-घंटी, आयरन फैब्रिकेशन, कांच उद्योग, जूट वॉल हैंगिग, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स, टेराकोटा, हींग, हैंडमेड पेपर, सॉफ़्ट ट्वॉयज, केला फ़ाइबर, एल्यूमीनियम बर्तन, चिकनकारी, फ़र्नीचर, गौरा पत्थर शिल्प उत्पाद, तारकशी, मेटल क्रॉफ्ट आइटम्स, बांसुरी, हैंडलूम व हस्तशिल्प के अरबों-खरबों रूपये के प्रॉडक्ट्स बीच समंदर जहाज़ों में फँसे पड़े हैं।

- ⁠उप्र के निर्यातक तबाही के कगार पर खड़े हैं।

- ⁠एक्सपोर्ट्स का पेमेंट साइकल बिगड़ गया है।

- ⁠निर्यातकों के सप्लायर्स और वेंडर्स अलग से परेशान हैं।

- ⁠यही वो समय है जब सरकार सामने आए और ODOP के तहत आनेवाले सभी उत्पादों को विशेष राहत प्रदान करे व अन्य प्रॉडक्ट्स को भी सुरक्षा-कवच प्रदान करे, जिससे कि वो विदेशी पाबंदियां से अपने को बचा पाएं।

- ⁠अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो लाखों निर्यातकों का काम-कारोबार ठप हो जाएगा और करोड़ों लोग बेरोज़गार हो जाएंगे।

- ⁠इससे प्रदेश में बेरोज़गारी की समस्या और भी विकराल रूप से लेगी।

- ⁠सरकार अगर इस कठिन समय में प्रदेश के उद्योगों को सहायता और संरक्षण प्रदान नहीं करेगी तो फिर सरकार के होने का क्या मतलब रह जाएगा।

ये समय हर भेद को भूलकर एकजुट होकर, बात-बात पर दबाव बनाकर चंदा वसूलनेवाली भाजपा सरकार के सामने अपनी मांगों को पुरज़ोर तरीक़े से रखने और मनवाने का है।

हम आपके साथ हैं क्योंकि ये लाखों परिवारों की आजीविका और जीवनयापन का विषय है। साथ ही ये उप्र में उद्योग-कारोबार व निवेश के भविष्य का भी सवाल है। सरकार के पास ऐसे कई उपाय हैं, जिनसे वो इस ‘टेरिफ़ाइंग टैरिफ़ इमर्जेंसी’ के बुरे असर से प्रदेश के निर्यातकों को बचाने के लिए मदद कर सकती है।

हम फिर दोहराते हैं :

दरअसल कमी कोष की नहीं सोच की है।

हम आपके साथ हैं!

आपका

अखिलेश"

बता दें कि पीएम मोदी के दोस्त अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद अमेरिका द्वारा बुधवार से भारत से आयातित वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लागू करने के निर्णय के साथ, परिधान, कपड़ा, रत्न और आभूषण से लेकर झींगा, कालीन और फर्नीचर तक, कम मार्जिन वाले और श्रम-प्रधान वस्तुओं का निर्यात अमेरिकी बाज़ार में अव्यावहारिक हो जाएगा, जिससे भारत में कम-कुशल नौकरियाँ ख़तरे में पड़ जाएँगी।