टीएमसी ने चेताया — एसआईआर प्रक्रिया बन सकती है लोकतांत्रिक आपदा

ऑनलाइन और ऑफलाइन मतदाता सूचियों में ग़ज़ब का अंतर

अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने एसआईआर प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को आगाह किया है। टीएमसी का कहना है कि सीईओ की वेबसाइट पर अपलोड की गई 2002 की मतदाता सूची और अधिकारियों के पास मौजूद हार्ड कॉपी में भारी विसंगतियाँ हैं। कई विधानसभा क्षेत्रों में पन्ने और पूरक सूचियाँ गायब हैं, जिससे सैकड़ों मतदाता नाम सूची से बाहर हो गए हैं। मंत्री और विधायक रथिन घोष ने इस मुद्दे पर उत्तर 24 परगना के जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने एलर्ट जारी करते हुए कहा है

"एसआईआर प्रक्रिया तेज़ी से एक बड़ी आपदा में तब्दील होती जा रही है। सीईओ की वेबसाइट पर अपलोड की गई 2002 की एसआईआर मतदाता सूची और अधिकारियों के पास मौजूद हार्ड कॉपी के बीच भारी विसंगतियाँ सामने आ रही हैं। पन्ने गायब हैं। पूरक सूचियाँ गायब हो गई हैं। मतदाता विवरण अधूरे हैं। कई मतदान केंद्रों पर, अपलोड की गई सूची में 30-40 नाम ही गायब हैं।

एक उदाहरण लीजिए: बिधाननगर विधानसभा भाग संख्या 232। ऑनलाइन मतदाता सूची क्रमांक 903 पर रुक जाती है, लेकिन वास्तविक सूची क्रमांक 984 तक जाती है। उन गायब 81 मतदाताओं वाली पूरक सूची अभी तक अपलोड ही नहीं की गई है। कई विधानसभा क्षेत्रों में इसी तरह की विसंगतियाँ पाई जा रही हैं।

जिला चुनाव अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, और अपनी पूरक सूचियों के हर एक पृष्ठ के साथ पूरी और अपरिवर्तित 2002 की मतदाता सूची अपलोड करनी चाहिए। आयोग को पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए, न कि ऐसे गुप्त बदलाव जो आंकड़ों की हर पंक्ति पर संदेह पैदा करते हैं।

माननीय मंत्री और मध्यमग्राम से विधायक श्री रथिन घोष ने उत्तर 24 परगना के जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर इस चिंताजनक विसंगति की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है।

हमें पूरी उम्मीद है कि इस मामले को तत्परता, गंभीरता और पारदर्शिता के साथ लिया जाएगा। बंगाल की जनता अपने मौलिक मताधिकार के हनन के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी।"