लैंगिक समानता लक्ष्यों के लिए, राजनैतिक इच्छाशक्ति व ठोस कार्रवाई की पुकार

लैंगिक समानता की दिशा में धीमी प्रगति और मौजूदा चिन्ताजनक रुझान यदि यूँ ही जारी रहे, तो वर्ष 2030 में भी, विश्व भर में 35 करोड़ से अधिक महिलाएँ व लड़कियाँ अत्यधिक निर्धनता में जीवन गुज़ारने के लिए मजबूर होंगी.